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नई दिल्ली ,सर्वोच्च न्यायालय ने जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को रोकने पर गुरूवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को जमकर फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि अगर आप भर्तियां नहीं कर पा रहे हैं तो हमें बताइये, हम यह काम भी देख लेंगे।
अदालत ने उच्च न्यायालय से कहा कि यदि आप रिक्तियों को भर नहीं पा रहे हैं, तो हम यह कार्य आपसे ले लेंगे और इसे एक केंद्रीकृत प्रक्रिया बना देंगे।ष् बता दें कि अदालतों में 200 से अधिक जजों की नियुक्तियां होनी हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया में लगातार हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह सख्ती दिखाई है। जजों की नियुक्ति को लेकर यह टकराव नई नहीं है। न्यायपालिका और केंद्र सरकार के बीच भी इस मामले में सीधा टकराव होता दिखाई दे रहा है। जजों की रिक्तियों के मामले को लेकर न्यायाधीश मदन बी लोकुर और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के बीच जमकर बहस भी हो चुकी है।
मणिपुर के एक मामले की यह सुनवाई इसी साल मई माह में हुई थी। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश लोकुर ने के के वेणुगोपाल से पूछा कि फिलहाल उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति को लेकर कोलेजियम की कितनी सिफारिश लम्बित हैं? केके ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी जुटानी पड़ेगी। के के वेणुगोपाल के इस जवाब से नाराज जस्टिस लोकुर ने कहा कि सरकार के साथ यही दिक्कत है मौके पर सरकार कहती है कि जानकारी लेनी होगी। इस पर केके ने कहा कि कोलेजियम को बड़ी तस्वीर देखनी चाहिए। ज्यादा नामों की सिफारिश भेजनी चाहिए।