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दावोस, 23 जनवरी 2019। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि अगर उन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सीधे बात करने का मौका मिले तो वह उन्हें ’इस्तीफा देने’ के लिए कहेंगे। ट्रंप को दावोस में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करना था लेकिन अमेरिकी इतिहास में सरकारी कामकाज की सर्वाधिक लंबी आंशिक बंदी के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं।
केरी से मंगलवार को विश्व आर्थिक मंच के पैनल के दौरान यह पूछे जाने पर कि अगर उन्हें ट्रंप के साथ बैठने का मौका मिलता तो उनसे क्या कहते, उन्होंने एक शब्द का जवाब दिया, “इस्तीफा।“
’वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, 2004 में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार केरी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ट्रंप के पास गहन बातचीत करने की ’क्षमता’ है।
व्हाइट हाउस ने हालांकि केरी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन ट्रंप इससे पहले उन्हें और उनके दावोस के प्रति दृष्टिकोण को न समझने के लिए कई बार मीडिया की आलोचना कर चुके हैं।
ट्रंप ने कहा था, “पिछली बार जब मैं दावोस गया था तो ’फेक न्यूज’ ने कहा कि मुझे वहां नहीं जाना चाहिए। इस साल बंदी के कारण मैंने वहां नहीं जाने का फैसला किया तो अब वही कह रहे हैं कि मुझे वहां होना चाहिए। सच यह है कि मीडिया जितने अच्छे से लोगों को समझती है उससे कहीं अच्छे से लोग मीडिया को समझते हैं।“
केरी ने पर्यावरण के समक्ष उत्पन्न संकट से निपटने के लिए दुनिया के देशों के बीच हुए पेरिस पर्यावरण करार से अमेरिका को बाहर निकालने के ट्रंप के फैसले को ’पागलपन से भरा’ बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के नाजुक मुद्दों पर इस तरह के फैसले लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।