मनोरंजन

सुपरस्टार का बेटा होने के बाद भी क्यों राज कपूर को करना पड़ा था बॉम्बे टॉकीज में मजदूर का काम

When Raj Kapoor had to work as a laborer in Bombay Talkies: राज कपूर, जिन्हें रणबीर राज कपूर (Raj Kapoor) के नाम से भी जाना जाता है, उनका फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम था. वो न सिर्फ एक शानदार एक्टर थे बल्कि बेहतरीन निर्मता-निर्देशक भी थे. उन्हें हिंदी सिनेमा का शोमैन भी कहा जाता था. राज कपूर (Raj Kapoor) को तीन नेशनल फिल्म अवॉर्ड और 11 फिल्मफेयर अवार्ड्स मिल चुके थे. उनकी फिल्मों ने दुनिया भर के दर्शकों को अपना दीवाना बनाया, खासतौर पर एशिया और यूरोप में उनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राज कपूर (Raj Kapoor) फिल्मों में हीरो बनने से पहले मजदूर का काम भी कर चुके हैं?


दरअसल, जब राज कपूर फिल्मों में अपना सफर शुरू करना चाहते थे, तो उनके पिता और सुपरस्टार पृथ्वीराज कपूर ने उनको बोम्बे टॉकीज में एक मजदूर के रूप में काम दिलवाया ताकि वो अपनी शुरुआत जीरो से कर सकें. राज कपूर भी अपने पिता की बात मान कर बोम्बे टॉकीज में काम करने लगे, वो लाइट्स उठाते, सेट की सफाई करते थे और कभी कभी सेट को पैंट भी करते थे. इतने बड़े स्टार का बेटा होने के बावजूद भी वो खाना भी लेबर के साथ ही खाते थे. उन्हीं दिनों बॉम्बे टॉकीज एक फिल्म बना रहा था जिसका नाम था ‘ज्वार भाटा’ जिसमें दिलीप कुमार लीड रोल में थे. दिलीप और राज कपूर अच्छे दोस्त थे. राज कपूर को एहसास होने लगा की मेरा दोस्त जिस फिल्म का हीरो है मैं वहां लेबर का काम कर रहा हूं. 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बात से राज कपूर इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने हथौड़े से सेट का कुछ हिस्सा ही तोड़ दिया. इस बारे में राज कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘सुपरस्टार के बेटा होने का फायदा एक मजदूर होने में तो नहीं मिला मगर जब ये सेट गिरा तो मिल उसका फायदा मिल गया’. इस घटना के बाद राज कपूर को समझ में आया कि वो यहां सीखने आए है दूसरों से खुद की बराबरी करने नहीं.

यह भी पढ़ेंः

जब Mumtaz के साथ कोई भी बड़ा स्टार नहीं करना चाहता था काम, फिर इस एक्टर ने दिया साथ और कर डाली 16 फिल्में

जब फिल्म की शूटिंग के वक्त Rajkumar से भिड़ गए थे Feroz Khan, वजह ऐसी कि जानकर हो जाएंगे हैरान



Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button