नईदिल्ली, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी ने मैदानी इलाकों में ठंडक बढ़ा दी है। हिमाचल प्रदेश में सोमवार सुबह से ऊंचाई वाले क्षेत्रों व पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। लाहुल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू व कांगड़ा की धौलाधार पर्वत श्रृंखला पर बर्फबारी का दौर जारी है। सोलंगनाला व लाहुल के सिस्सू, कोकसर, दारचा में बर्फबारी हुई।
ऊंचाई वाले स्थानों पर रविवार को भी बर्फबारी होने से प्रदेश में शीतलहर तेज है। रोहतांग दर्रे, पांगी, बारालाचा, शिंकुला जोत, कुंजम जोत, छोटा व बड़ा शिघरी ग्लेशियर, लेडी ऑफ केलंग व नील कंठ की पहाडिय़ों पर बर्फ गिरने का क्रम जारी है।
उधर, केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख को कश्मीर घाटी से जोडऩे वाली एकमात्र सड़क श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग को पिछली रात से बर्फबारी होने के कारण सोमवार को फिर से बंद कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि साइबेरिया के बाद विश्व का दूसरा सबसे ठंडा स्थान जोजिला दर्रा, मीनमार्ग, सोनमार्ग और द्रास में बर्फबारी हो रही थी। उन्होंने कहा कि बर्फबारी और सड़क पर फिसलन होने के कारण चार दिनों तक बंद रहने के बाद राजमार्ग को हाल ही में यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया था। अगले 72 घंटों के दौरान राजमार्ग पर बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जिसके कारण यातायात के प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि आज सुबह बर्फबारी के कारण राजमार्ग पर यातायात स्थगित कर दिया गया। द्रास, मीनमार्ग में कुछ इंच बर्फबारी हुई तथा जोजिला दर्रे पर करीब आठ इंच बर्फबारी दर्ज की गई। जिसके कारण सड़क पर बहुत फिसलन हो गई है तथा हिमस्खलन का भी खतरा है। बर्फबारी बंद होने के बाद बर्फ को हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख और कश्मीर के अधिकारियों ने भारी बर्फबारी न होने पर दिसंबर अंत तक राजमार्ग को खुला रखने का फैसला किया है। हालांकि राजमार्ग के रखरखाव के लिए जिम्मेदार सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पहले से ही मशीनों और लोगों को बर्फ निकासी अभियान के लिए नियुक्त किया हुआ है।
भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों के महीनों में यह राजमार्ग बंद रहता है। केंद्र सरकार ने हर मौसम में सड़क सुविधा जारी रहने के लिए जोजिला दर्रे पर एक सुरंग का निर्माण भी शुरू किया है। इसी प्रकार उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रात से ही बर्फबारी का दौर जारी है। वहीं, उत्तरकाशी के हर्षिल सुक्की, धराली, ओसला गंगाड और जानकीचट्टी में बारिश हो रही है। दून समेत आसपास के इलाकों में मौसम का मिजाज बदलने लगा है।
सर्द हवाएं चलने से शाम के समय ठिठुरन बढ़ गई है, जबकि न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस से अधिक की गिरावट आई है। वहीं, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में बादल छाए रहे। बर्फीली हवा ने पहाड़ों में ठिठुरन बढ़ा दी है। कुमाऊं के अल्मोड़ा और मुक्तेश्वर प्रदेश में सबसे ठंडे रहे। दोनों शहरों में न्यूनतम तापमान क्रमश: 1.6 और 1.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।