नई दिल्ली, देशभर में ब्लैक फंगस ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. अबतक कई राज्यों को ब्लैक फंगस अपनी चपेट में ले चुका है. देश में ब्लैक फंगस के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ब्लैक फंगस आमतौर पर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों मधुमेह से पीड़ित लोगों में देखी जाती है. इस दुर्लभ संक्रमण का इलाज बेहद जटिल है।
हालांकि, इस बीमारी के लिए भी, रायपुर, जोधपुर, पटना, ऋषिकेश, भुवनेश्वर भोपाल में एम्स द्वारा प्रभावी उच्च गुणवत्ता वाला इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके अलावा कुछ अन्य एम्स में भी ऐसा किया जा रहा है जहां अब तक पूरी तरह से काम शुरू नहीं हुआ है।
राजस्थान सरकार ने राज्य के कई जिलों में ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि को देखते हुए बुधवार को इसे महामारी करार दिया।
अधिकारियों ने इसकी सूचना दी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा ने कहा कि ब्लैक फंगस कोविड-19 के दुष्प्रभाव के रूप में उभरा है चूंकि इनका उपचार भी एक जैसा है इसलिए इसे राजस्थान महामारी अधिनियम के तहत एक महामारी उल्लेखनीय बीमारी के रूप में घोषित किया गया है।
दिल्ली सरकार ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयां मांगी हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों को सीधे दवा उपलब्ध कराने के लिए हमने एक लाख दवाओं की मांग की है।
गुरुग्राम में अब ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) के कई मामले सामने आ रहे हैं जो जिला स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, गुरुग्राम में अब तक काले फंगस के करीब 50 मामले सामने आ चुके हैं करीब 50 लोगों के इस बीमारी से पीड़ित होने की आशंका है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोविड से ठीक हुए लोगों में ब्लैक फंगस का संक्रमण पाया जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर में भी ब्लैक फंगस के कुछ मामले सामने आए थे। इस बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले चार पांच दिनों में ब्लैक फंगस के मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है।