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ग्राउंड रिपोर्ट: महाराष्ट्र के सांगली में बाढ़ का पानी घटा, पर समस्या जस की तस

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Maharashtra Flood: महाराष्ट्र के सांगली में बाढ़ का पानी कम जरूर हुआ है, लेकिन परेशानियां कम नही हुई हैं. अभी भी लोगों को आने जाने के लिए बोट का सहारा लेना पड़ रहा है. करीब 3 से 4 फ़ीट पानी कम हुआ है. रविवार को शिवाजी चौक पर शिवजी महाराज की मूर्ति के पास लाइट के पोल की सिर्फ लाइट का ऊपरी हिस्सा ही नज़र आ रहा था, दीवार नज़र नहीं आ रही थी. सोमवार को आज कुछ पानी कम होने के बाद अब दीवार भी दिखने लगी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 3 से 4 फ़ीट पानी कम हुआ है.

एनडीआरएफ की टीम तो लोगों की मदद कर ही रही है साथ ही साथ रॉयल कृष्णा बोट की टीम भी पिछले 4 दिन से लोगों को रेस्क्यू करने के साथ साथ उनकी मदद करने का काम कर रही है. बोट क्लब के अध्यक्ष प्रताप जमादार ने हमें बताया कि 4 से 5 हज़ार लोगों को रेस्क्यू किया है. सरकार की तरफ से पानी और दूध लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इस बोट क्लब के करीब 100 मेंबर काम कर रहे हैं. ये सभी स्पोर्ट्स क्लब के खिलाड़ी हैं, जो लोगों की मदद कर रहे हैं.

इसके अलावा आज एबीपी न्यूज़ की टीम पहुंची कृष्णा नदी में. ये वो नदी है जिसका जल स्तर बढ़ने के बाद पानी सांगली में घुसा. नदी के किनारे बने मंदिर पूरे के पूरे डूबे नज़र आए. यहां के रहने वाले प्रतीक ने बताया कि बाढ़ की वजह से लोगों का काफी नुकसान हुआ है. अच्छी बात सिर्फ एक ये है कि बारिश अभी नहीं हो रही है. बारिश अगर होगी तो सांगली से पानी निकलना मुश्किल है. इस समय नदी में पानी का लेवल करीब 52.5 फ़ीट है.

प्रतीक ने हमें बताया कि जो लोग घर छोड़कर चले गए हैं उन्हें अपने घर की चिंता भी होती है. बाढ़ के दौरान कुछ क्रिमिनल एक्टिव हो जाते हैं, जो बंद घरों में चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं ये ही वजह की रात के समय इन्हें बोट से पेट्रोलिंग करनी पड़ती है.

बाढ़ आने के एक कारण अतिक्रमण भी है. एबीपी न्यूज़ की टीम कृष्णा नदी के किनारे बसे घरों के पास पहुंची. ये इलाका रेड जोन कहलाता है. यानी सबसे पहले पानी इसी जगह घुसता है और उसके बाद पूरे शहर में आ जाता है. यहां अतिक्रमण कर घर बनाए गए हैं. इतना ही नही प्रतीक ने ये भी बताया कि सांगली में ड्रेनेज की भी समस्या है. सबसे पहले पानी ड्रेनेज के जरिये ही आता है.

इस पर हमने यहां के पूर्व विधायक दिनकर पाटिल से बात की. उन्होंने हमें बताया कि बाढ़ तीसरी बार आई है. प्रशासन को पहले ही अलर्ट होना चाहिए था. लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि प्रशासन अलर्ट है. बाढ़ आने के बाद प्रशासन जागता है. इन्होंने बताया कि नदी पर अतिक्रमण हुआ है और ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है. पानी जैसे ही नदी में आता है तो शहर में घुस जाता है.

एबीपी न्यूज़ संवाददाता ने 4 दिन से घर में फंसे लोगों से बात की. कुछ लोगों का कहना था प्रशासन की तरफ से मदद मिल रही है. कुछ का कहना है कि नहीं मिल रही है. ज्यादा समस्या लाइट की है. लाइट ना आने के कारण मोबाइल बंद हैं. 4 दिन से घर में लाइट नहीं है.

पानी कम होने के बाद कुछ लोग अपनी दुकान को साफ करते नज़र आए. नुकसान बहुत हुआ है. लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ़ से कोई मदद नहीं मिल रही है.

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