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जम्मू: अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन का साइड इफेक्ट ये हुआ है कि पाकिस्तान सीजफायर के समझौते के बावजूद फिर से आतंकियों की घुसपैठ करवाने में जुट गया है और घुसपैठ की ये कोशिश जम्मू कश्मीर में बारामूला के उरी सेक्टर में की जा रही है. एलओसी पर आतंकियों की इस हलचल का जवाब देने के लिए सेना हर पल चौकन्नी है. उरी सेक्टर में हालात का जायजा लेने एबीपी न्यूज की टीम खुद एलओसी पर पहुंची. उरी सेक्टर में LOC पर क्या हालात हैं? जानिए इस रिपोर्ट में.
बीते दस दिनों के अंदर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से आतंकियों ने तीन बार घुसपैठ की कोशिश की. 23 सितंबर को इसी दौरान सेना ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया जबकि दो फरार होने में कामयाब हो गए. जानकारी के मुताबिक, जान बचाकर भागने वाले दो आतंकियों में एक पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट भी था, जो आतंकियों का गाइड बनकर आया था.
सेना के मुताबिक मारे गए आतंकियों से-
- 5 एके-47
- आठ पिस्टल
- 70 ग्रेनेड
- और इंडियन और पाकिस्तानी करंसी बरामद हुई हैं.
भारतीय सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि अभी पाकिस्तान के साथ सीजफायर समझौता चल रहा है. इसलिए सेना पहले गोली नहीं चला सकती. आतंकियों के फेंसिंग तक आने का इंतजार किया जाता है, उसके बाद उनका काम तमाम कर दिया जाता है.
पीओके में अभी कम से कम डेढ़ सौ आतंकी मौजूद
खुफिया सूत्रों के मुताबिक पीओके में अभी कम से कम डेढ़ सौ आतंकी मौजूद हैं, जो घुसपैठ की साजिश में जुटे हैं. तालिबान की सत्ता के बाद पाकिस्तानी आतंकी संगठन भी पहले से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. आतंकी लश्कर के हों या तालिबानी अंजाम सबको पता है. चट्टान की तरह मजबूती से खड़ी सेना आतंकियों के हर मंसूबे को मिट्टी में मिलाने के लिए तैयार है. इसी उरी सेक्टर में पांच साल पहले आज ही के दिन सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकियों की नींव हिला दी थीं. दोबारा सिर उठा रहे आतंकियों को सेना वैसा ही सबक सिखाने के लिए हर पल तैयार है.
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