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जांबाजों को सलाम: लैंडिंग से ठीक 7 मिनट पहले टूटा हेलिकॉप्टर का संपर्क, फिर क्या हुआ

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Coonoor IAF Chopper Crash: तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ ही अन्य रक्षा से जुड़े 11 अधिकारियों की मौत हो गई. देश के पहले सीडीएस की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत की खबर सुनकर पूरा देश सन्न रह गया. इस घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जबकि हादसे में एक मात्र जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन का इस वक्त अस्पताल में इलाज चल रहा है और वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं.

लैंडिंग से ठीक 7 मिनट पहले टूटा संपर्क

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में गुरुवार को बताया कि वायुसेना के हेलिकॉप्टर Mi-17 ने सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर वेलिंग्टन के लिए उड़ान भरी थी. हेलिकॉप्टर को 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंग्टन उतरना था.  लेकिन ठीक 7 मिनट पहले 12 बजकर 08 मिनट पर हेलिकॉप्टर का संपर्क टूट गया. इधर, घटना से पहले का 19 सेकेंड का एक वीडियो सामने आया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यह क्रैश होने से ठीक पहले का वीडियो है. इसमें दिख रहा है कि स्थानीय लोग चल रहे हैं और इस बीच ऊपर से उड़ते हुए हेलिकॉप्टर की आवाज अचानक बंद हो जाती है. इसके बाद लोग उस ओर देखने लग जाते हैं.

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मौसम खराब हो सकती है वजह

एक्सपर्ट की तरफ से कहा जा रहा है कि यह हादसा खराब की वजह से हो सकता है. डिफेंस के पूर्व पायलट और कई वीवीआईपी के साथ फ्लाइंग कर चुके विपुल सक्सेना ने तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए सीडीएस बिपिन रावत हेलीकॉप्टर हादसे के पीछे प्रमुख वजह मौसम की खराबी को बताया है. सक्सेना ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया M-17 हेलीकॉप्टर सुरक्षा के लिहाज से बेहद शानदार हर तरह के सुरक्षा उपकरण इस जहाज में मौजूद है.

उन्होंने बताया कि जिस इलाके में यह हादसा हुआ है और हादसे की जो तस्वीरें सामने आई है उससे यही पता चलता है कि इलाका बेहद ही पहाड़ों वाला एरिया है और जिस तरह का मौसम कल इस इलाके में था. कोहरे की जो धुंध की चादर देखने को मिल रही थी, उसकी वजह से पायलट को पहाड़ का अंदाजा नहीं आया होगा. इसकी वजह से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है.

विपुल सक्सेना ने बताया सीडीएस बिपिन रावत जैसे वीवीआइपी की फ्लाइंग से पहले डिफेंस और एयरफोर्स के विमानों की अच्छी तरह से जांच होती है. इसके साथ ही, सभी तरह के प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है. जो पायलट होते हैं उनकी भी कड़ी जांच की जाती है. मेडिकल के अलावा उनकी खराब मौसम में काम करने की काबिलियत को भी देखा जाता है. ऐसे में इस हादसे को लेकर जो शक पैदा किया जा रहा है उसे कई वीवीआईपी लेकर उड़ान भर चुके विपुल सक्सेना ने इनकार किया है.

ये भी पढ़ें: IAF Chopper Crash: कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसा पर जानें क्या है डिफेंस के पूर्व पायलट और VVIP के साथ फ्लाइंग कर चुके विपुल सक्सेना का जवाब



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