- उत्तर प्रदेश में वाइनरीज उद्योग की स्थापना हेतु आबकारी विभाग ने बढ़ाये कदम, प्रदेश में 01 नई वाइनरी इकाई की स्थापना के लिए शासन ने दी अनुमति
- प्रदेश में 4.76 लाख हेक्टयर क्षेत्रफल में होती हैं, फलों की खेती के कुल उत्पादन का 60 प्रतिशत होता है उपयोग
- सदुपयोग से बचे हुए 42.16 लाख टन फल वाइन उत्पादन में होगा उपयोग
लखनऊ। शासन ने एक नई वाइनरीज उद्योग के अनुमति दे दी है। यह नई वाइनरीज कंपनी मुजफ्फरनगर में खुलेगी। इसमें 10,000 ली. प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता शराब बनाने की होगी। इस संबंध में बताया गया है कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, आबकारी. उ.प्र. संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 4.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर फलों की खेती की जाती हैं तथा फल उत्पादकों द्वारा 105.41 लाख टन फलों का उत्पादन प्रतिवर्ष किया जाता है।
इन उत्पादित फलों में से 60 प्रतिशत फलों का सदुपयोग हो जाता है, जबकि 40 प्रतिशत लगभग 42.15 लाख टन फल सदुपयोग होने से बच जाता है। इस प्रकार प्रदेश में खपत से बचे हुए फलों की कीमत लगभग रु.4.216.40 करोड़ होती है। वाइनरी उद्योग की स्थापना से बचे हुए फलों का सदुपयोग किया जा सकेगा, जिससे किसानों के आय में वृद्धि होगी, रोजगार सृजन के अवसर प्राप्त होंगे तथा सरकार के राजस्व में इजाफा होगा।
उन्होंने कहा कि वाइनरीज उद्योग की स्थापना में लागत एवं भूमि का क्षेत्रफल वाइनरी के प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता के अनुसार अलग-अलग होती है। इसमें 10,000 ली. प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता वाले वाइनरी के लिए मशीनरी की स्थापना 2.0 से 2.5 करोड़ रुपये की लागत में किया जा सकेगा। वाइनरी उद्योग में किसानों को फलों के शत प्रतिशत उपभोग से उनकी आय में काफी वृद्धि करने में मदद मिलेगी। छोटे उद्योगों के रूप में पल्प इंडस्ट्रीज लगाये जाने पर जोर देते हुए यह भी बताया गया कि इण्डस्ट्रीज बहुत कम लागत में और कम जगह में लगाया जा सकेगा। छोटे किसान भी इस उद्योग को लगाने में आगे आयेंगे।
इसी क्रम में सेथिल पांडियन सी. आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश में वाइनरी रूल्स सर्वप्रथम 1961 में पब्लिश किया गया था फिर उसके बाद 1974 में इसमें पहली बार संशोधन किया गया। पुनः इसमें 2022 में वाइनरीज उद्योग की दिशा में कदम बढ़ाते हुए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के अन्तर्गत नियमों और प्रतिबन्धों को और अधिक आसान बनाते हुए संशोधित किया गया जिससे प्रदेश में वाइनरीज उद्योग की स्थापना किया जाना आसान हो गया है।
विभाग नये उद्योगों की स्थापना के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इसी क्रम में वाइनरी उद्योग लगाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए शासन द्वारा राज्य के फल उत्पादकों का विकास किये जाने, राज्य के राजस्व एवं औद्योगिक हित तथा निवेश एवं रोजगार के संवर्धन के दृष्टिगत जनपद मुजफ्फरनगर में मेसर्स के. डी. सोल्यूशन प्रा.लि. मेरठ रोड को 54,446 ली. वार्षिक क्षमता की दक्षासवनी स्थापित किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है।