लखनऊ, कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। इससे पहले विपक्ष ने यूपी में खराब कानून-व्यवस्था और ब्राह्मणों के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। इसी क्रम में सुबह साढ़े नौ बजे सत्र शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के विधायक/एमएलसी ने विधानसभा के अंदर/बाहर प्रदर्शन किया। हाथ में तख्ती के साथ यह सभी योगी आदित्यनाथ सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के नेतृत्व में विधायक अपने गले में कानून व्यवस्था और कोरोना की आड़ में लूट-पाट जैसे स्लोगन की तख्ती डाले नजर आए। कुछ विधायक गेट नम्बर 2 पर चढ़ते भी नजर आए। बाद में विधानसभा की गैलरी के बाहर सपा विधायकों ने एक साथ बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कोरोना को लेकर सरकार को विपक्ष घेरने की तैयारी में है। सबसे ज्यादा तख्ती में कोरोना संबधी स्लोगन ही तैयार किये गए थे।
वहीं, कांग्रेस के नेता विरोधी दल आराधना मिश्रा मोना का कहना सरकार में कानून व्यवस्था नाम की कोई बात नहीं बची। सरकार की गलत नीतियों से आम जनता परेशान है। एक जाति समुदाय को टारगेट करके अत्याचार किया जा रहा। वहीं बसपा ने सरकार को घेरने के लिए सदन में सत्तारुढ़ सरकार को घेरेगी।
पहली बार सदन में कुछ लोग वर्चुअल ढंग से उपस्थित हुए। 65 वर्ष से अधिक उम्र के विधायकों को सत्र में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जोड़ा गया। सिर्फ 65 साल से कम उम्र के विधायकों को ही सदन में मास्क और ग्लव्स के साथ प्रवेश दिया गया। कोरोना महामारी के दौरान संवैधानिक बाध्यता के कारण इस सत्र के लिए अनेक ऐसी व्यवस्थाएं करनी पड़ रही हैं, जो विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुई। मसलन दर्शक दीर्घा में भी विधायकों को बैठना पड़ा। लॉबी में बैठकर भी विधायक सदन की कार्यवाही का हिस्सा हुये।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि पहले दिन गुरुवार को सुबह 11 बजे सदन के चार दिवंगत सदस्यों -वीरेंद्र सिंह सिरोही, पारसनाथ यादव, कमल रानी वरुण व चेतन चौहान के निधन पर शोक संवेदना के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई। यह भी संयोग है कि एक साथ दो कैबिनेट मंत्रियों सहित चार सदस्यों के निधन पर शोक हुआ।
सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
विधानसभा की कार्यवाही से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के मौजूदा और पूर्व सदस्यों के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बतादें कि सत्र के पहले ही दिन यूपी सरकार के दो कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय कमल रानी वरुण, चेतन चौहान के साथ ही दो विधायक पारसनाथ यादव और वीरेंद्र सिंह सिरोही को श्रद्धांजलि दी गई। ऐसा पहली बार होगा कि वर्तमान में पद पर रहने वाले दो मंत्रियों और दो विधायकों का निधन हुआ हो।
गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर से लेकर हाल ही में ब्राह्मण समुदाय के लोगों की हुई हत्याओं का मामला सदन में विपक्ष उठा सकता है। सपा, बसपा और कांग्रेस सदन के बाहर प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था पर योगी सरकार पर सवाल खड़े करते रहे हैं। ऐसे में विधानसभा सत्र के दौरान भी सदन में विपक्ष ने सरकार को खराब कानून-व्यवस्था पर घेरने की पूरी तैयारी की है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में कई हत्याएं और लूट की घटनाएं सामने आई हैं।
कांग्रेस के पूर्व सांसद जितिन प्रसाद ने सर्व समाज के विधायकों से बुधवार को अपील की कि वे उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र में ब्राह्मण उत्पीड़न का मामला प्रभावी ढंग से उठाएं। प्रसाद ने एक पत्र में कहा, ‘मैं प्रदेश में ब्राह्मण समाज के लोगों की हत्याओं, हमले एवं बढ़ते अत्याचार की ओर आप सभी सर्व समाज के विधायकों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आप सभी से अपील करता हूं कि आप सभी दलगत भावना से ऊपर उठकर शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में अपने अपने जनपदों, विधानसभा क्षेत्रों में ब्राह्मण उत्पीड़न के प्रकरणों को सरकार के सम्मुख प्रभावी ढंग से उठाकर इस अन्याय, अत्याचार एवं उपेक्षा पर अविलंब अंकुश लगाने की सरकार से मांग करें।