कानपुर। कोरोना की इस महामारी में प्रशासन की ओर से मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए जारी किए जा रहे आदेश निजी अस्पतालों के ठेंगे पर हैं। कोरोना रिपोर्ट होने के साथ ही रुपये की थाह लेने के बाद ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। रिपोर्ट या पैसा नहीं है तो मरीज जिये या मरे इनको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने कोविड व नान कोविड अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि पहले मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू किया जाए। जांच रिपोर्ट जरूरी नहीं।
वहीं जिलाधिकारी ने भी कहा था कि पैसों के अभाव में किसी मरीज को लौटाया न जाए। दोनों ही आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। शहर में मरीज इलाज के अभाव में अभी भी भटक रहा है। निजी अस्पतालों की प्राथमिकता आर्थिक पहलू की ओर अधिक है ना कि मानवीय संवेदना।
पत्नी को भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे
शिवली कानपुर देहात निवासी मंगला शरण ओमर सोमवार सुबह अपनी पत्नी ऊषा की जिंदगी बचाने के लिए बेटे आनंद संग सोमवार सुबह कार से लेकर सीधे कल्याणपुर स्थित एक हाँस्पिटल पहुंचे। उन्होंने बताया कि,इस दौरान सांस की दिक्क़त के कारण उनकी पत्नी की हालत बिगड़ रही थी। शरीर का आँक्सीजन लेवल गिरता जा रहा था।
यहां काफी देर तक वो डाँक्टर से पत्नी को भर्ती करने के लिए मिन्नतें करते रहे। लेकिन डाँक्टर नहीं पसीजे। इसके बाद वो पत्नी को लेकर एक अन्य निजी हाँस्पिटल पहुंचे,वहां भी पत्नी को भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ायें लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। लेकिन उसके बाद भी उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा और बेहद नाजुक स्थिति में हैलट इमरजेंसी पहुंचे,लेकिन इलाज मिलने के पहले ही उनकी पत्नी की सांसें थम गई।
इस वज्रपात से दुखी पति ने बताया कि,एसपीएम और रामा इन दोनों ही हाँस्पिटल में उन्हें काफी इन्तजार करना पड़ा। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अगर पत्नी का इलाज शुरू हो जाता तो शायद जान बच जाती।
करना पड़ा इन्तजार
नानकारी आईआईटी निवासी रामनरेश को सांस की तकलीफ होने पर गंभीर हालत में पत्नी अनुराधा और छोटा भाई राजू आँटो से लेकर हैलट इमरजेंसी पहुंचे। साथ में वो आँक्सीजन सिलेंडर लेकर आये थे। यहां उन्हें करीब बीस मिनट तक इन्तजार करना पड़ा।
पनकी निवासी बुजुर्ग हरिलाल को सांस और किडनी में दिक्क्त थी। बेटा दीपक और सूरज अपने पिता को गंभीर हालत में बाइक से लेकर यहां पहुंचे। बेटे सूरज के मुताबिक यहां डॉक्टर ने पिता का इलाज करने के बजाय उन्हें उर्सला रेफर कर दिया।
वहीं नवाबगंज निवासी जॉन लिंडसे की पत्नी पुष्पा को किडनी में संक्रमण के साथ ही सांस लेने में दिक्क्त होने पर गंभीर हालत में वो परिजनों के साथ यहां लेकर पहुंचे। परिजनों के मुताबिक,पहले वो निजी हाँस्पिटल के चक्कर लगाते रहे।