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वसीम रिज़वी के बयानात का मुसलमानो से कोई लेना देना नहीं: मौलाना कल्बे जव्वाद

लखनऊ : वसीम रिज़वी के क़ुरान मुखालिफ बयान की निंदा करते हुए मजलिसे ओलमाए हिंद के सभी सदस्यों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि वसीम मुर्तद को सरकार और प्रशासन ने फितना और फसाद की खुली छूट दे रखी है जिसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वो मुसलमानो के बीच फूट डलवाने की कोशिश कर रहा है और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। इसकी पूरी ज़िम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी जिसकी लापरवाही और समर्थन की बुनियाद पर वो आज़ाद घूम रहा है। वरना उसे अब तक जेल में होना चाहिए था।

मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद ने कहा कि दुनिया में पहली बार इतना बड़ा विद्वान और शोधकर्ता पैदा हुआ है जो नया क़ुरान लिखने का दावा कर रहा है। बल्कि यूँ कहा जाये के वो अब खुदाई दावे कर रहा है।

मौलाना ने कहा कि इस गुस्ताख़ी के पीछे चरमपंथी संगठन हैं जो वसीम का समर्थन कर रहे है। ये चरमपंथी संगठन इस्लामोफोबिया का शिकार और हिंदुस्तान की गंगा जमनी तहज़ीब के दुश्मन है। उन्होंने देश का माहौल ख़राब कर दिया है और मुसलमानो के बीच फूट डालने के लिए ऐसे बेईमान और इस्लाम विरोधी तत्वों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कोरोना महामारी के इस दौर में जब इंसान ज़िन्दगी और मौत से जंग लड़ रहा है ये फिरक़ा परस्त संगठन कोरोना से लड़ाई के बजाये हिंदुस्तान को बाटने की कोशिश कर रहे है।

मौलाना ने प्रधानमंत्री से मांग करते हुए कहा की ये अज्ञानी और भ्रष्ट व्यक्ति हिन्दुस्तान की शांति को भंग करने की कोशिश करता आ रहा है इस के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये। क़ुरान में तहरीफ़ नहीं हो सकती जो क़ुरान में तहरीफ़ की मांग करे वो मुर्तद और इस्लाम से ख़ारिज है। इस लिए इसके बयानात और मांगों का मुसलमानो से कोई लेना देना नहीं।

मौलाना ने कहा की कुछ मुस्लिम ओलेमा मुर्तद वसीम रिज़वी के खिलाफ बयान न देने के लिए बहाने बना रहे है के वसीम मुर्तद को इस से शोहरत मिल जाएगी असल में ये मौलवी हमेशा से हुकूमतों का नमकखार रहे है और प्रशासन की मर्ज़ी के मुताबिक़ ही इनके बयानात रहते है वरना यही मौलवी अगर कोई आम इंसान उनके समुदाय के खिलाफ बात करदे तो आसमान सर पर उठा लेते है मगर खबीस वसीम के बेहद अपमानजनक बयान पर वह चुप्पी साधे हुए है।

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