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चर्तुथ उपमा स्टेट माइक्रो फाइनेंस काॅन्फ्रेन्स-2019 आयोजित

लखनऊ,  सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये सुधारी गई नई नीतियांे से सूक्ष्म, लघु और मध्यम कारोबारी प्रदेश की आर्थिक ताकत बनेंगे। साथ ही सूक्ष्म व लघु उद्योग कारोबारी विकास को नयी पहचान देंगे।

इसके लिए माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों को अब सुधारी गई नीतियों के संग ऐसी सरल नीतियों को प्रोत्साहन देना होगा कि पूरी पारदर्शिता के साथ सभी जरूरतमंद उद्यमियों को सहजता के साथ सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध हो जाए, जो प्रदेश सरकार की नीतियों के अनुरूप यहां के आर्थिक विकास में सहायक हो।
माइक्रो फाइनेंस एसोसिएशन आफ इण्डिया ‘उपमा’ की ओर से फेडरेशन आफ इंडियन चैम्बर्स आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री ‘फिक्की’ के सहयोग से तमाम कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ यहां ताज होटल में आयोजित चैथे राज्य स्तरीय माइक्रो फाइनेंस कान्फ्रेन्स-2019 में हुए विमर्ष में यह बात उभरकर सामने आई। उद्घाटन एसएस मुन्द्रा पूर्व डिप्टी गर्वनर आरबीआई व राजेन्द्र पाल सिंह डीजीपी ईओडब्लू ने किया। जबकि, समापन करते हुए प्रदेष के पूर्व मुख्य सचिव डा.अनूपचन्द्र पाण्डे व प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि सरकार स्टार्टअप के लिए 25 लाख तक का आसान ऋण दे रही है। ऋण उपलब्ध कराने से लेकर कारोबार शुरू करने में जो भी दिक्कतें सामने आ रही हैं उन्हें हरसम्भव दूर करने का यत्न हो रहा है।

इस अवसर पर उद्घाटन वक्तव्य में एस.एस.मुन्द्रा ने सूक्ष्म, लघु व मध्यम वित्त और नियामक निकायों की वर्तमान दिक्कतों को दूर करने की भूमिका में उभरते अवसरों के साथ संषोधित नीतियों को सामने रखा। स्माल फाइनेंस पर आधारित पहले सत्र में विषेषज्ञ तमाल बंद्योपाध्याय, यूनियन बैंक के महाप्रबंधक अतुल श्रीवास्तव, उत्कर्ष बैंक के प्रबंध निदेषक गोविंद सिंह, सूर्योदय एसएफबी के सर्वेष खरंगते व बीसीएफआई के डा.आनन्द श्रीवास्तव ने अपने अनुभव व विचार सामने रखे। दूसरे सत्र में बैंकों के व्यापारिक प्रतिनिधियों को माइक्रोफाइनेंस में किन तौर तरीकों से आगे बढ़ा जाए इसपर फ्यूजन के देवेश सचदेव, सोनाटा फाइनेंस के अनूप सिंह, सत्या माइक्रो के विवेक तिवारी, एएसए इंटरनेषनल के अंजन दासगुप्त, एमफिन के हर्ष श्रीवास्तव के संग एन.कलेंगड़ा व त्रिलोक श्ुाक्ला ने माइक्रो फाइनेन्स की वर्तमान परिस्थितियों और जीडीपी स्तर पर विचार विमर्ष किया। डिजिटल लैण्डिंग व माइक्रो फाइनेन्स पर आधारित अंतिम सत्र में इस क्षेत्र में सामान्य ग्राहक के द्वार तक सुगमतापूर्वक पहुंचने की राह पर नई प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधियों प्रभात लाभ, राजुल जे मित्रा, पी.सतीष, राकेष दुबे, आषीष श्रीवास्तव, शलभ सक्सेना, एस.रामचन्द्रन व श्रीषचन्द्र पाण्डा ने सुझाव और विचार रखे। यहां छह सफल महिला उद्यमियों को सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर उपमा के सीईओ सुधीर सिन्हा ने सभी सम्बद्ध इकाईयों से सहयोग की अपेक्षा रखते हुए कहा कि हमें हर सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमी का ख्याल रखना है। विषेष रूप से महिला उद्यमी व उनके परिवारों का पूरा ख्याल रखते हुए सभी कारोबारियों को ऋण उपलब्ध कराने के साथ कर्ज पाने को लेकर उनकी दिक्कतों को भी हरसम्भव दूर करना होगा। साथ ही उन्हें डिजिटल बनाते हुए कैशलेस ट्रांसजेक्शन की तरफ मोड़ना होगा, ताकि समुचित वित्तीय समावेष हो और गरीबी उन्मूलन की दिषा में ढंग से काम करते हुए माइक्रो फाइनेन्स कम्पनियां पारदर्षिता के साथ प्रदेश के विकास में योगदान कर सकें। प्रमुख सचिव खादी ग्रामोद्योग नवनीत सहगल ने खादी और माइक्रो फाइनेंस के बारें में बताया। आयोजन फिक्की के संग ही सिडबी, नाबार्ड, मुद्रा, जन माइक्रो फाइनेंस बैंक, उत्कर्ष स्माल फाइनेन्स व ब्रिटेन सरकार के सहयोग से आयोजित था।

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