अंतरराष्ट्रीय

BIMSTEC शिखर सम्मेलन की वर्चुअल शिखर बैठक को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, इन विषयों पर होगी चर्चा

बंगाल की खाड़ी के करीबी देशों के सहयोग संगठन की शिखर बैठक 30 मार्च को श्रीलंका की अगुवाई में आयोजित की जाएगी. करीब 4 साल बाद हो रही इस कोलंबो शिखर सम्मेलन का विषय “बिम्सटेक-एक क्षमतावान क्षेत्र, समृद्ध अर्थव्यवस्था, और स्वस्थ लोग” है. इससे पहले पिछले काठमांडू शिखर सम्मेलन (अगस्त 2018) का विषय “एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत विकास वाली बंगाल का खाड़ी क्षेत्र” था. इस वर्चुअल शिखर बैठक को पीएम मोदी भी संबोधित करेंगे. 

बिम्सटेक चार्टर को अपनाएंगे देश
शिखर बैठक के अंत में वर्तमान BIMSTEC अध्यक्ष श्रीलंका, अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी थाईलैंड को सौंपेगा. BIMSTEC, बंगाल की खाड़ी के देशों पर केंद्रित एक क्षेत्रीय सहयोग मंच है. इसका विकास भारत के प्रयास पर जून 1997 में ‘बिस्ट-ईसी’ समूह (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) की स्थापना के साथ शुरू हुआ था. बाद में म्यांमार (दिसंबर 1997), नेपाल और भूटान (फरवरी 2004) के प्रवेश के बाद वर्तमान ‘बिम्सटेक’ समूह गठित हुआ.

30 मार्च 2022 को आयोजित किए जाने वाले कोलंबो शिखर सम्मेलन में सदस्य देश “बिम्सटेक चार्टर” को अपनाएंगे. इसके जरिए BIMSTEC को “अंतर्राष्ट्रीय पहचान” देने की कोशिश होगी. साथ ही औपचारिक रूप से इसके उद्देश्यों और सिद्धांतों को परिभाषित किया जाएगा. इसके अलावा बुनियादी संस्थागत ढांचा को तैयार होगा जिसके माध्यम से यह समूह काम करेगा.

बिम्सटेक स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के इस साल में उम्मीद है कि इस समूह के विस्तार पर भी विचार होगा. बिम्सटेक के सदस्य देश इस समूह की क्षमता को भलीभांति जानते हैं और इस बात को मानते भी हैं कि इस समूह ने अपनी अभी भी अपनी पूरी संभावना को हासिल नहीं किया है. सभी देश इस कड़ी में भारत से अगुवाई की अपेक्षा करते हैं. भारत की ‘एक्ट ईस्ट’, ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘इंडो पैसिफिक’ रणनीतियों ने भारतीय प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया है.

समुद्री सहयोग को अहमियत
बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती देशों का समूह होने के कारण BIMSTEC देश समुद्री सहयोग को अहमियत देते हैं. भारत इसमें अग्रणी रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र में उसके पास महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमताएं हैं. बंगाल की खाड़ी का क्षेत्र मौसम की घटनाओं से भी काफी प्रभावित रहता है जो अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का भी कारण बनती हैं. ऐसे में आपदा प्रबंधन और आपदा जोखिम कम करना BIMSTEC में भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण एजेंडा बन गया है. हाल ही में आयोजित पैनेक्स अभ्यास जैसे अभ्यासों के माध्यम से आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के बीच सहयोग, या उन्नत मौसम पूर्वानुमान से संबंधित साझेदारी जैसी गतिविधियां को भारत ने आगे बढ़ाया.

BIMSTEC के भीतर भारत के पास ‘सुरक्षा सहयोग’ विषय की अगुवाई है. इसका वर्तमान फोकस आतंकवाद का मुकाबला करने और हिंसक उग्रवाद को रोकने के लिए मजबूत कानूनी मानदंड स्थापित करने पर है. साथ ही कानूनी ढांचे और आपसी साझेदारी को बढ़ावा देने वाले तंत्र की स्थापना करना है जो प्रवर्तन एजेंसियों के बीच करीबी सहयोग की सुविधा मुहैया करा सके.

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