अंतरराष्ट्रीय

भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए श्रीलंका का इस्तेमाल नहीं होने देंगे- राष्ट्रपति राजपक्षे

कोलंबोः श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने मंगलवार को भारत को आश्वासन दिया कि श्रीलंका की जमीन की ‘किसी भी ऐसी गतिविधि’ के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है. राजपक्षे ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला को चीन के साथ कोलंबो के संबंधों के बारे में ‘व्यापक तौर पर’ अवगत कराया. उन्होंने इसके साथ ही महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार सहित कई मुद्दों पर उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान किया.

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से मुलाकात की और सभी स्तरों पर समग्र द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के मजबूत संबंधों पर बल दिया. श्रृंगला भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के लिए चार दिवसीय यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंचे थे.

भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा, “विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने आज राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से मुलाकात की. उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच मित्रता और सहयोग के मजबूत संबंधों पर जोर दिया तथा सभी स्तरों पर इस व्यापक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की.” यह मुलाकात राष्ट्रपति राजपक्षे के अमेरिका से लौटने के एक दिन बाद हुई. राजपक्षे संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क गए थे.

विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों से भी बातचीत की

भारतीय उच्चायोग ने कहा कि विदेश सचिव की कोलंबो, कैंडी, त्रिंकोमाली और जाफना में हुईं बैठकें ‘‘सार्थक’’ रहीं. ट्वीट में कहा, ‘‘उनकी यात्रा से भारत-श्रीलंका संबंधों में और गति आएगी.’’ विदेश सचिव ने यहां भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों से भी बातचीत की. उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा, “उच्चायोग टीम उनके प्रोत्साहन और समर्थन के लिए वास्तव में आभारी है.’’

इससे पहले सोमवार को श्रृंगला ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात की और उनसे बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने के संबंध में ‘सकारात्मक वार्ता’ की. श्रृंगला ने श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे और विदेश मंत्री जीएल पीरिस से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की.

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