अंतरराष्ट्रीय

एयरस्पेस बंद, हर जगह मौत का तांडव, यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी का ये है एग्जिट प्लान

यूक्रेन और रूस के युद्ध का आज दूसरा दिन है. अब तक यूक्रेन के 137 लोग मिसाइल और बम धमाकों में मारे गए हैं. रूस के भी कई विमान ध्वस्त हुए हैं.  युद्ध के दौरान यूक्रेन ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उसने रूस के 800 सैनिकों, 7 विमान, 6 हेलीकॉप्टर और 130 बख्तरबंद गाड़ियों को तबाह कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ रूस भी यूक्रेन के 83 सैन्य ठिकाने तबाह करने का दावा कर रहा है.

इस बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने की कवायद लगातार जारी है. प्रधानमंत्री मोदी ने CCS बैठक के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करीब 20 मिनट तक फोन पर बात की. युद्ध रोकने की अपील और बातचीत से मामला हल करने के अलावा भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने पर भी चर्चा हुई. फिलहाल जान बचाने के लिए भारतीय छात्रों ने तहखानों और बॉम्ब शेल्टर्स में शरण ली हुई है.

क्या है भारतीयों को यूक्रेन से निकालने का प्लान

 पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच गुरुवार देर शाम जो बातचीत हुई है, उसका एक सकारात्मक नतीजा ये जरूर निकला है कि पुतिन प्रशासन भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकालने में मदद करेगा. भारत सरकार भी अपने तरीके से छात्रों के रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई है. इसके लिए सरकार ने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है.

 पीएम मोदी की अगुआई में एक हाई लेवल मीटिंग भी हुई, जिसके बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि यूक्रेन से छात्रों की वापसी का प्लान तैयार है. उन्होंने बताया कि अगर यूक्रेन से पोलैंड सड़क मार्ग से जाना हो तो 9 घंटे का रास्ता है और विएना के लिए 12 घंटे का रास्ता है, वो रास्ता भी मैप आउट हो गया है. रास्ते में जो पॉइंट्स मैंने बताए जैसे ल्विव, चेर्नित्सि, वहां भी हमने अपनी टीम्स भेजी हैं ताकि वहां से भी जो सहायता हम अपने नागरिकों को दे सकते हैं, वो दे सकें. 

भारतीय छात्रों को यूक्रेन से सटे 4 देशों से बाहर निकाला जाएगा. ये देश हैं-हंगरी, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और पोलैंड. भारतीय दूतावास ने इन देशों की सीमा पर कैंप लगा दिए हैं. इन कैंपों में जिन अधिकारियों से भारतीय छात्रों को संपर्क करना है, उनके नाम और नंबर भी जारी कर दिए हैं. जब सड़क के रास्ते भारतीय छात्र इन देशों में पहुंच जाएंगे, तब उन्हें कतर के रास्ते भारत लाया जाएगा. इसके लिए दोहा में मौजूद भारतीय दूतावास ने सारी तैयारियां कर ली हैं. 

भारत में परिवारों का हाल-बेहाल

रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला तो भारत से मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारतीय छात्रों की जिंदगी खतरे में पड़ गई. हालात बिगड़ने लगे तो परिजनों का हाल बेहाल हो गया और वहां पर फंसे भारतीय छात्र भी अपना हौसला खोने लगे.सभी परिजनों की सिर्फ एक ही गुहार है कि हमारे लाल वापस लाओ भारत सरकार.

यूक्रेन में करीब 20 हजार छात्र अलग अलग शहरों में फंसे हुए हैं.सभी के परिजनों को अपने बच्चों की सलामती की चिंता सता रही है. वहां पर फंसे बच्चे भी वापस आने की आस में सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. हरियाणा के यमुनानगर में भी यूक्रेन में फंसे बच्चों के माता पिता शिक्षा मंत्री से मिल कर अपने बच्चों को सकुशल वापस लाने की गुहार लगाने पहुंचे.शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने उन्हें हर संभव मदद करने का भरोसा दिया.

हरियाणा के ही सोनीपत जिले की छात्राएं भी यूक्रेन में फंसी हुई हैं. छात्राओं ने अपने परिवार वालों को वीडियो कॉल करके हालात की जानकारी दी और जल्द ही भारत लाने के लिए मदद की गुहार भी लगाई.परिजन भी सरकार से मदद की गुहार लगा रहा कि उनके बच्चों को भारत लाया जाए. मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए छात्र के पिता तरुण भटनागर भी सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे को वापस भारत लाने का इंतजाम किया जाए.

यूक्रेन में जंग से हालात भयावह

जंग के बीच यूक्रेन में आम लोगों में दहशत का माहौल है. यूक्रेन के ओडेशा में लोग बचने के लिए बंकरों में घुसते नजर आए. रूस के हमले के बाद यूक्रेन में चारों तरफ बर्बादी का मंजर है. मेरियूपोल से आई हमले की तस्वीरों में जली हुई गाड़ियां दिखीं.  

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