Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन में घमासान युद्ध जारी है. इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने चीन से कीव और मॉस्को के बीच संघर्ष को सुलझाने के प्रयासों में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाने की अपील की है. विदेश मंत्री का यह बयान अहम है क्योंकि चीन और रूस में घनिष्ठ संबंध रहे हैं. चीन 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से ही उसकी निंदा करने से बचता आ रहा है. हालांकि चीन कहता रहा है कि वह शांति का समर्थक और युद्ध का विरोधी है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने हाल ही एक बयान जारी किया था जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हवाले से कहा गया, “चीन यूक्रेन में हालात को इस कगार पर आते नहीं देखना चाहता है. चीन शांति का समर्थक है और युद्ध का विरोध करता है. यह भावना चीन के इतिहास और संस्कृति में पिरोई हुई है.”
‘रूस और यूक्रेन का मिलकर समर्थन करना चाहिए’
जिनपिंग ने कहा, “सभी पक्षों को संवाद और सुलह-समझौता करने में रूस और यूक्रेन का मिलकर समर्थन करना चाहिए, जिससे क्षेत्र में शांति सुनिश्चित हो सकेगी. अमेरिका और नाटो को भी यूक्रेन संकट पर रूस से बातचीत करनी चाहिए, ताकि रूस और यूक्रेन की सुरक्षा चिंताएं दूर हो सकें.”
बीजिंग ने ये बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति के बीच वीडियो कॉल पर हुई 110 मिनट लंबी बातचीत के संदर्भ में दिया. चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि बातचीत में जिनपिंग ने स्पष्ट किया कि अमेरिका और चीन के बीच मतभेद रहे हैं और हमेशा रहेंगे, लेकिन इन मतभेदों को नियंत्रण में रखना बेहद मायने रखता है.
वहीं दूसरी तरफ व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चीन यूक्रेनी शहरों पर भीषण हमले कर रहे रूस को मदद मुहैया कराने का फैसला करता है, तो बीजिंग के लिए इसके कुछ निहितार्थ और परिणाम होंगे.
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