नईदिल्ली,। एसबीएम बैंक इंडिया के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बैंक अमेजन की तर्ज पर एक वित्तीय बाजार-केंद्र बनना चाहता है और उसकी योजना एक तकनीकी साझेदार के साथ डिजिटल रूप से बुनियादी बैंकिंग सहित सभी सेवाओं की पेशकश करने की है। मॉरीशस के सरकारी बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक से दिसंबर 2018 में पूर्ण बैंकिंग सेवाओं को संचालित करने का लाइसेंस मिला था और उसने अगले वर्ष सेवाओं की शुरुआत की।
बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक सिद्धार्थ रथ ने बताया कि लाइसेंस मिलने के बाद पितृ संस्थान ने एसबीएम बैंक इंडिया में 500 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी लगाई और अपनी व्यापार वित्त शाखा को 600 करोड़ रुपये की बैलेंस शीट के साथ पूर्ण बैंक में बदल दिया। उन्होंने कहा, ”हम परंपरागत तरीके से बैंकिंग नहीं करेंगे। हम इसकी जगह एक डिजिटल रणनीति को लागू कर रहे हैं, जिसे खासतौर से भारत के लिए तैयार किया गया है,
जिसके जरिए हम अमेजन या फ्लिपकार्ट की तर्ज पर एक बाजार-क्षेत्र बनना चाहते हैं, और हम परंपरागत तरीके के ऋणदाता बनकर रहना नहीं चाहते। रथ ने कहा, ”हम हर तरह की वित्तीय सेवाएं देना चाहते हैं, लेकिन एक बैंक की तरह नहीं, बल्कि अपने डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए। उन्होंने कहा कि परिचालन 18 महीने पहले शुरू हुए थे और अब बैलेंस शीट 2,500 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है,
जिसमें 2,000 करोड़ रुपये के नए ऋण बहीखाते हैं। बैंक के पास 2,000 करोड़ रुपये की जमाएं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मार्च तक बैंक के ऋण बहीखाते का आकार 3,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा और जमाएं 3,500 करोड़ रुपये से अधिक होंगी।