<p style="text-align: justify;"><strong>कोच्चि</strong><strong>: </strong>कहते हैं कि जब जिंदगी पलटी मारती है तो एक पल में सब बदल जाता है. किसको बता था कि एक दिन 3500 शेयर्स खरीदने वाला शख्स रातों रात अरबपति बन जाएगा. मामला दक्षिण राज्य केरल के कोच्चि का है. यहां बाबू जॉर्ज वालावी नाम के शख्स ने 43 साल पहले 3500 शेयर्स खरीदे और फिर भूल गए. आज इन शेयर्स की कीमत 1448 करोड़ रुपए हो गई है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शेयर खरीदने वाले बाबू ने बताई कहानी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">शेयर खरीदने वाले 74 साल के बाबू जॉर्ज वालवी ने दावा किया है, ‘’साल 1978 में मैंने मेवाड़ ऑयल एंड जनरल मिल्स लिमिटेड के 3500 शेयर्स खरीदे थे. उस वक्त ये कंपनी राजस्थान के उदयपुर की एक अनलिस्टेड कंपनी थी.’’ शेयर खरीदने के बाद बाबू कंपनी में 2.8 फीसदी के स्टेक होल्डर बन गए.</p>
<p style="text-align: justify;">बाबू ने बताया, ‘’उस वक्त कंपनी के संस्थापक चेयरमैन पीपी सिंघल और मैं दोस्त थे. बाबू ने कहा कि क्योंकि शेयर्स खरीदते वक्त कंपनी अनलिस्टेड थी और कोई डिविडेंड नहीं दे रही थी, इसलिए मैं और मेरा परिवार इस निवेश के बारे में भूल गए. लेकिन जब साल 2015 में हमें इस निवेश के बारे में याद आया तो हमने अपनी पड़ताल शुरू की.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इसके बाद क्या हुआ</strong><strong>?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बाबू का दावा है, ‘’पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि कंपनी का नाम बदलकर अब पीआई इंडस्ट्रीज हो गया है, जो एक लिस्टेड कंपनी है.’’ बाबू ने कंपनी पर आरोप लगाया कि उसने साल 1989 में कंपनी ने गैरकानूनी ढंग से नकली पेपर्स का इस्तेमाल करके उनके शेयर्स किसी और को बेच दिए. पड़ताल के दौरान कंपनी ने कहा कि वह अब कंपनी के हिस्सेदार नहीं है और क्योंकि ये शेयर्स साल 1989 में किसी और को बेच दिए गए थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बाबू ने खटखटाया सेबी का दरवाज़ा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कंपनी ने भी बाबू के दावों की जांच की. इसके बाद साल 2016 में पीआई इंडस्ट्रीज ने बाबू को मध्यस्थता के लिए दिल्ली बुलाया, लेकिन बाबू ने मध्यस्थता के लिए इनकार कर दिया. कंपनी ने बाबू के डॉक्यूमेंट्स की जांच करने के लिए दो बड़े अफसर केरल भी भेजे थे. कंपनी ने ये माना कि बाबू के पास मौजूद डॉक्यूमेंट्स असली हैं. बावजूद इसके कंपनी अब उन्हें पैसे देने में आना कानी कर रही है. बाबू ने अब सेबी का दरवाज़ा खटखटाया है.</p>
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