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जीएसटी से समाप्त करेंगे 12-18 के स्लैब: जेटली

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नई दिल्ली ,24 दिसंबर, केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। जेटली ने कहा है कि जीएसटी की सफलताएं गिनाते हुए कहा है कि भविष्य में 12 और 18 फीसदी की जगह अब एक नया स्टैंडर्ड टैक्स स्लैब बनाया जा सकता है, जो इन दोनों के बीच होगा। लग्जरी और सिन प्रॉडक्ट्स को अपवाद बताते हुए उन्होंने कहा कि अंतत: देश में जीएसटी के 0, 5 और स्टैंडर्ड रेट टैक्स स्लैब होंगे। उन्होंने जीएसटी से पहले के दौर में 31 फीसदी तक ऊंचे टैक्स को लेकर विपक्ष पर निशाना भी साधा और आलोचनाओं का जवाब दिया।
दरअसल, फेसबुक पर लिखे ब्लॉग में जेटली ने कहा कि तंबाकू, लग्जरी गाडयि़ां, एसी, सोडा वाटर, बड़े टीवी और डिश वॉशर को छोड़कर 28 आइटम्स को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से हटाकर 18 और 12 फीसदी टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है। आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाले सीमेंट और ऑटो पाट्सज़् ही 28 फीसदी टैक्स स्लैब में बच गए हैं। उन्होंने कहा, हमारी अगली प्राथमिकता सीमेंट पर टैक्स कम करने की है। दूसरे सभी बिल्डिंग मैटेरियल पहले ही 28 से 18 या 12 में ट्रांसफर हो चुके हैं।
जीएसटी के 18 महीने शीषज़्क वाले ब्लॉग में वित्त मंत्री ने कहा है कि 183 आइटम्स पर टैक्स शून्य है। 308 आइटम्स पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, 178 पर 12 फीसदी टैक्स है, जबकि 517 आइटम्स 18 फीसदी टैक्स स्लैब में आते हैं। 28 फीसदी टैक्स स्लैब अब खत्म हो रहा है।
वित्त मंत्री ने जीएसटी की आलोचना को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और कहा भारत का इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम दुनिया में सबसे खराब था। केंद्र और राज्य सरकारों को लेवी वसूलने का अधिकार था। 17 टैक्स लगाए जाते थे। एक उद्यमी को 17 इंस्पेक्टर का सामना करना पड़ता था। 17 रिटनज़् भरना पड़ता था और 17 असेसमेंट होते थे। टैक्स की दरें बहुत ऊंची थीं। वैट और एक्साइज का स्टैंडडज़् रेट 14.5 और 12.5 फीसदी था। इस तरह अधिकतर वस्तुओं पर टैक्स 31 फीसदी हो जाता था।

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