Petrol Diesel: अगले हफ्ते 4 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ओपेक (OPEC) देशों और गैर ओपेक मंत्रियों के समूह की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में आने वाले महीनों में कच्चे तेल (Crude) के उत्पादन पर फैसला लिया जा सकता है.
क्यों घटेंगे दाम?
जानकारी के मुताबिक इस बैठक में दुनिया के 13 तेल उत्पादक देश शामिल हो सकते हैं. खबरें बता रही हैं कि इस बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है. ऐसा हुआ तो कच्चे तेल की उपलब्धता, मौजूदा मांग के मुकाबले बढ़ जाएगी और दाम घट जाएंगे. इसका सीधा असर ये होगा कि भारत में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) भी सस्ता हो जाएगा.
वहीं, दूसरी ओर ईरान (IRAN) भी अमेरिका (US) के साथ इस मसले पर अगले हफ्ते से बातचीत शुरू करेगा. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों पर अगले कुछ दिन तक दबाव देखा जा सकता है. लिहाजा भारत में रोजाना बढ़ती पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों से कुछ राहत मिल सकती है.
इस वजह से बढ़ते हैं दाम
भारत ने लंबे समय से पेट्रोल-डीजल के दामों को बाजार के हवाले कर रखा है. जिस हिसाब से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम चढ़ते हैं, उसी तर्ज पर हमारी जेब पर भार बढ़ता है. ब्रेंट क्रूड करीब 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है.
आज से करीब 61 साल पहले सितंबर 1960 में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेजेजुएला ने बगदाद में कच्चे तेल उत्पादक संगठन ओपेक की स्थापना की गई थी.
कैसे मिलेगी दोस्तों की मदद
ईराक, अमेरिका साऊदी अरब और रूस जैसे देशों से भारत कच्चा तेल खरीदता है. ये तमाम देश ओपेक संगठन का हिस्सा हैं. इन सब से भारत की अच्छी दोस्ती भी है. अगर अगले हफ्ते होने वाली बैठक में ये तमाम देश कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर सहमत हो जाते हैं तो हमारे देश में पेट्रोल और डीजल पर होने वाले खर्च में राहत मिल सकती है.
अक्टूबर महीने में अब तक 23 बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ चुके हैं. दोनों चीजों में दिल्ली में साढ़े सात से लेकर 8 रुपए तक की बढ़त हो गई है.
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