व्यापार

नोटबंदी के 5 सालों में जानें कितना बढ़ा कैश और डिजिटल ट्रांजेक्शन, इस समय क्या है देश का हाल?

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

5 Years of Demonetisation: केंद्र सरकार ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए आज से 5 साल पहले 8 नवंबर 2016 को देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन देशभर में हुई नोटबंदी के बाद भी कैश के फ्लो लगातार जारी है. देश में आज भी नकदी राजा बनी हुई है. साल 2016 में सर्कुलेशन करेंसी करीब 16 लाख करोड़ रुपये थी जोकि साल 2021 में लगभग दोगुनी होकर 29 लाख करोड़ हो गई है. करेंसी सर्कुलेशन रेश्यो की बात करें तो फाइनेंशियल ईयर 2016 में यह रेश्यो 11.6 फीसदी था जोकि फाइनेंशियल ईयर 2021 में बढ़कर 14.5 फीसदी हो गया है. 

महामारी के समय में बढ़ा कैश का फ्लो
देशभर में फैली महामारी के दौरान लोगों को परिवार की मदद करने और अस्पतालों का भुगतान करने के लिए ज्यादा कैश की जरूरत हुई, जिसके बाद से लोगों ने फिर से हाथ में नकदी रखना शुरू कर दिया. 

64 फीसदी बढ़ा कैश का इंफ्लो
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 4 नवंबर 2016 को चलन में नोटों करीब 17.74 लाख करोड़ रुपये थे. जो 29 अक्टूबर, 2021 तक बढ़कर 29.17 लाख करोड़ रुपये हो गए. इसमें कुल 64 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. 

डिजिटल ट्रांजेक्शन में भी आई तेजी
नोटबंदी की पांचवीं वर्षगांठ पर, डिजिटल पेमेंट के सभी तरीकों में बूम देखा गया है. चाहे UPI हो, क्रेडिट और डेबिट कार्ड हो या फिर FASTag हो सभी में उछाल आया है. इससे पता चलता है कि नकदी के साथ-साथ डिजिटल ट्रांजेक्शन में भी तेजी जारी है. 

आरबीआई का इंडेक्स भी बढ़ा
वित्त वर्ष 18 से डिजिटल भुगतान में लगभग तीन गुना इजाफा देखने को मिला है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का डिजिटल पेमेंट इंडेक्स, जिसका आधार वर्ष 2018 है वह भी 100 से बढ़कर 270 हो गया है. इस सूचकांक में डिजिटल पेमेंट के खाते शामिल हैं. 

त्योहारी सीजन में बढ़ा कैश का इस्तेमाल
दशहरा से शुरू होने वाले इस त्योहारी सीजन में भारत में कैश और कैश ट्रांजैक्शन की मांग में उछाल आया है. ऐतिहासिक रूप से, त्योहारी सीजन में नकदी की मांग अधिक रहती है क्योंकि कई व्यापारी एंड-टू-एंड लेनदेन के लिए नकद भुगतान पर निर्भर होते हैं. इस त्योहारी सीजन में नकदी की मांग बढ़ गई है क्योंकि लोगों को मुख्य रूप से नकद का उपयोग करके गहने खरीदते देखा गया है और इसलिए वे अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स पोर्टलों पर खरीदारी के लिए भुगतान कर रहे हैं.

कितना है सीआईसी
आपको बता दें जापान और हांगकांग में सकल घरेलू उत्पाद का 21 फीसदी से अधिक का सीआईसी है, जबकि सिंगापुर में 12 फीसदी से अधिक और संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 10 फीसदी है.

यह भी पढ़ें:

अगर आपकी खो गया है ड्राइविंग लाइसेंस, तो घर बैठे मिल जाएगा नया DL, बस फॉलो करें ये प्रोसेस

IPO: कल ओपन हो रहा Sapphire Foods का आईपीओ, निवेश करें सिर्फ 14160 रुपये, मिलेगा बंपर फायदा

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button