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लोकल को नौकरियों में आरक्षण के फैसले से हरियाणा को नुकसान, कंपनियां छोड़ सकती हैं गुड़गांव

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Reservation for Local in Jobs: हरियाणा ( Haryana) के स्थानीय लोगों को नौकरियों ( Employment) में आरक्षण ( Resrvation) देने के सरकार के फैसले का फायदा नोएडा – दिल्ली जैसे शहरों को हो सकता है. क्योंकि हरियाणा सरकार ( Haryana Government) के इस फैसले के चलते कई आईटी सेक्टर ( IT/ITeS) और स्टार्टअप ( Startups) हरियाणा छोड़कर अपना दफ्तर आसपास के दूसरे राज्यों में शिफ्ट करने की प्लानिंग कर रही हैं. हरियाणा के नए लेबर एक्ट ( New Labour Act) के तहत कंपनियों को रोजगार में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को आरक्षण देना होगा. ये प्रावधान 15 जनवरी 2022 से लागू होने जा रहा है. 

10 साल के लिये नियम लागू

हरियाणा सरकार ने 2 मार्च 2021 को Haryana State Employment of Local Candidates Bill पारित किया था. इस बिल के तहत निजी क्षेत्र में 50,000 रुपये से कम मासिक तनख्वाह वाले नौकरियों में 75 फीसदी हरियाणा के लोगों को आरक्षण देना होगा. ये नियम 10 कर्मचारियों से ज्यादा वाली कंपनियों पर लागू होगा साथ ही जो नई नियुक्तियां होंगी उऩपर लागू माना जाएगा. इससे प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. इस कानून को फिलहाल 10 सालों के लिये लागू किया जा रहा है. 

वेतन बैंड को घटाया गया

हालांकि कॉरपोरेट सेक्टर की आलोचना के बाद हरियाणा सरकार ने वेतन के बैंड को 50,000 रुपये से घटाकर 30,000 रुपये कर दिया है. 6 नवंबर को नए नियम को नोटिफाई कर दिया गया है. जिसे आईटी कंपनियों को थोड़ी राहत मिलेगी. ये भी माना जा रहा है स्टार्टअप्स के लिये इस नियम को लागू करने के लिये दो साल का मोराटोरियम मिल सकता है. NASSCOM के मुताबिक केवल गुड़गांव में 500 से ज्यादा IT/ITeS कंपनियां मौजूद हैं, जहां 4 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार हासिल है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अगर हरियाणा सरकार का नया कानून अमल में आया तो 1.5 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित हो सकता है.

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