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सरकारी मदद के बावजूद संकट टालने के लिये वोडाफोन आइडिया को है एक बिलियन डॉलर की जरुरत

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Vodafone Idea News: संकट के दौर गुजर रही टैलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ( Vodafone Idea ) को अपने प्रतिद्वंदी टेलीकॉम ऑपरेटर रिलायंस जियो ( Reliance Jio ) और भारती एयरटेल ( Bharti Airtel) से मुकाबला करने और गैर-स्पेक्ट्रम कर्ज ( Non-spectrum Dues) का भुगतान करने के लिये एक बिलियन डॉलर यानि 7500 करोड़ रुपये फंड की जरुरत होगी.  

सरकार के सपोर्ट से टलेगा संकट

ब्रोकरेज फर्म Credit Suisse के मुताबिक सरकार द्वारा दिये राहत पैकेज ( Bailout Package) जिसमें चार सालों का मोराटोरियम ( $ years Moratorium)  शामिल है इसके चलते वोडाफोन आईडिया को नगदी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी. लेकिन इसके बावजूद कंपनी को 6 से 9 महीने में एक बिलियन डॉलर रकम की जरुरत पड़ेगी जिससे कंपनी गैर-स्पेक्ट्रम कर्ज का भुगतान करने के साथ अगले चार सालों के लिये कैपिटल एक्सपेंडिचर जैसे जरुरी खर्च को पूरा करने के लिये धन जुटा सके. 

वोडाफोन आइडिया ने एजीआर ( Adjusted Gross Revenue) और स्पेक्ट्रम फीस ( Spectrum Dues) के भुगतान लिये सरकार के 4 साल के मोराटोरियम ऑफर को स्वीकार कर लिया है. अब कंपनी को 2025-26 के बाद से ही सरकार को भुगतान करना होगा. वोडाफोन आइडिया पर 58,254 करोड़ रुपये एजीआर का बकाया है, जिसमें से 7854 करोड़ रुपये का भुगतान कंपनी कर चुकी है.  

कंपनी के प्रोमोटर कर हैं निवेश 

वोडाफोन आइडिया लगातार फंड जुटाने की कोशिश कर रही है. माना ये भी जा रहा है कि कंपनी के प्रोमोटर भी कंपनी की माली हालत को सुधारने के लिये निवेश कर सकते हैं, जिससे अपने प्रतिद्वंदी से मुकाबला कर सके साथ ही नए ग्राहक जोड़ सके. 

वोडाफोन आइडिया के घाटे में कमी

वोडाफोन आइडिया ने जुलाई से सितंबर तिमाही के जो नतीजे घोषित किये हैं उसके मुताबिक इस दौरान कंपनी को 7,144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो कि इसके पहले वाली तिमाही में हुये नुकसान 7312 करोड़ रुपये से कम है.  इसकी वजह ARPU( Averge revenue per user) में सुधार और ग्राहकों के नंबर पोर्ट कराने की संख्या में गिरावट है. वोडाफोन आइडिया का ARPU 109 रुपये रहा है हालांकि ये एयरटेल के 153 रुपये और रिलायंस जियो के 144 रुपये से बेहद कम है. 

संकट टालने के लिये जरुरी है फंड

जानकारों के मुताबिक ARPU में सुधार, खर्चों में कमी कंपनी के लिये अच्छे संकेत हैं पर कंपनी पर से सकंट अभी टला नहीं है. कंपनी को अपने विस्तार, 2जी ग्राहकों को 4 जी में कंवर्ट करने और 5जी स्पेक्ट्रम की निलामी में भाग लेने के लिये फंड की जरुरत होगी. सरकार ने तो वोडाफोन आइडियो को बेलआउट करने के लिये राहत पैकेज दे दी अब कंपनी पर पूंजी जुटाने की अपनी मुहिम को तेज करना होगा. 

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