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Cryptocurrency: सरकार इस करंसी पर नहीं लगा सकती है पूरी तरह प्रतिबंध, जानिए वजह

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Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण न होने और पारदर्शिता के अभाव की वजह से सरकार इस पर सख्ती बरतना चाहती है. इसके साथ साथ उसकी मंशा क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कंपनियों, एक्सचेंज और प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने की भी है, जहां निवेशकों को मोटे रिटर्न के दावे से लुभाया जाता है.

हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कारोबारी और संगठन भारतीय प्राधिकरणों के बीच भरोसा जगाने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी मांग है कि क्रिप्टो को करेंसी का दर्जा देने के बजाए संपत्ति के रूप में मान्यता दी जाए. सरकार भी इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन पर पूरी तरह प्रतिबंध का फैसला हो सकता है.

भारतीयों का बंपर निवेश

माना जा रहा है कि इसे सोने, शेयर और बॉन्ड जैसी संपत्तियों के रूप मान्यता दी जा सकती है. संगठनों ने इसके नियंत्रण का जिम्मा बाजार नियामक सेबी को देने का भी सुझाव दिया है, जिस पर फैसला होना अभी बाकी है. आंकड़े बताते हैं कि एक नवंबर तक क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों का कुल निवेश 75 हजार करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) से ज्यादा था. 

पीएम के बयान से बढ़ी चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि अनियंत्रित क्रिप्टो बाजार धनशोधन और आतंकी फंडिंग का मुख्य जरिया बन सकता है. साथ ही जिस तरह से छोटे निवेशकों को लोक-लुभावने वादों से फंसाया जा रहा, संभव है कि उनके पैसे ऐसे निवेश में फंस रहे, जहां से रिटर्न पर बहुत जोखिम होगा.

रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने दो टूक कहा कि इससे अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर जोखिम बढ़ेगा. 

 

क्रिप्टो के सबसे ज्यादा निवेशक

भारत               10.07 करोड़

अमेरिका          2.74 करोड़

रूस                1.74 करोड़

नाइजीरिया       1.30 करोड़

 

बैंकरों को रहना होगा सावधान

रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने भी क्रिप्टोकरेंसी के जोखिम को लेकर आगाह किया है. उनका मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी लागू करने के रास्ते में मनीलॉन्डरिंग और मूल्यांकन सबसे बड़ी चुनौती है. अगर सरकार इसे मंजूरी देने पर आगे बढ़ती है, तो बैंकरों को सावधान रहना होगा और उन्हें अपनी स्थिति पहले से स्पष्ट बनानी होगी.

जितनी बड़ी बढ़त, उतनी बड़ी गिरावट

बाजार में आ रही नई-नई क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जोखिम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एआरसी गवर्नेंस टोकन नाम की आभासी मुद्रा एक घंटे के भीतर 28 लाख फीसदी चढ़ गई. उसकी कीमत 0.34 डॉलर से बढ़कर 9,991.70 डॉलर पहुंच गई. हालांकि, एक घंटे के भीतर क्रिप्टो ने 90 फीसदी बढ़त गंवा दी और इसकी कीमत 906 डॉलर प्रति क्वाइन पर आ गई.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की क्रिप्टोकरंसी में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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