Cryptocurrecy Price Recovered: संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिये कानून बनाने की खबर के बाद बुधवार को बिटकॉइन से लेकर एथेरियम और डॉगकॉइन से लेकर शीबा इनु जैसे कई क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी तक की गिरावट देखी गई थी. लेकिन गुरुवार को निचले स्तरों ने इन करेंसी में रिकवरी देखी गई. निवेशकों के खरीदारी के बाद गुरुवार को बिटकॉइन, एथेरियम, डॉगकोइन और शीबा इनु सभी 10% ऊपर कारोबार कर रहे थे.
दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन, भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स पर 9% बढ़कर 45,44,500 रुपये पर कारोबार कर रहा था. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम 9.91% बढ़कर 3,46,350 रुपये पर पहुंच गई.
सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021, बिल लेकर आ रही है. विधेयक का मकसद आरबीआई द्वारा आधिकारिक डिजिटल करेंसी की अनुमति देते हुए कुछ क्रिप्टोकरेंसी को छोड़कर निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है.
Zebpay के अनुसार, Bitcoin, Ethereum और ऐसे अन्य टोकन धारकों ने राहत की सांस ली है कि उऩका निवेश सुरक्षित हैं. ये पूरी तरह से सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी हैं क्योंकि ये सार्वजनिक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बनी हैं. गुमनाम होने के बावजूद ट्रांजैक्शन का पता लगाया जा सकता है. दूसरी ओर निजी क्रिप्टो, मोनेरो और डैश जैसे क्रिप्टो निजी टोकन हैं. हालांकि ये सार्वजनिक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बनाए गए हैं, लेकिन ये उपयोगकर्ताओं को गोपनीयता प्रदान करने के लिए लेनदेन की जानकारी छिपाते हैं.
पिछले ही हफ्ते, क्रिप्टो कंपनियों और उससे जुड़े स्टेकहोल्डरों की संसद की स्थाई समिति के सदस्यों के साथ बैठक हुई थी. बैठक में माना गया कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन नहीं लगाया जा सकता है लेकिन रेग्युलेट किया जा सकता है. पूरी तरह बैन लगाने से 10 करोड़ से अधिक भारतीय जो इसमें निवेशित हैं उन्हें 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. यही वजह है कि सरकार क्रिप्प्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगायेगी.
यह भी पढ़ें:
Xplained: जानिए कैसे दूसरे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को किया जाता है रेग्युलेट