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अब गोल्ड के साथ-साथ सिल्वर ETF में भी बिना रिस्क लगा सकेंगे पैसा, जानें क्या है नियम?

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Silver ETF: सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के लिए नियम आने के साथ अब निवेशक चांदी में अधिक तरल तरीके से निवेश कर सकेंगे और इससे उन्हें पोर्टफोलियो के विविधीकरण में मदद मिलेगी. मार्केट एक्सपर्ट ने यह राय जताई है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कुछ दिन पहले ही चांदी ईटीएफ के लिए परिचालन मानदंड जारी किए हैं. इसके तहत ऐसी निवेश योजना को चांदी और चांदी से संबद्ध उत्पादों में कम से कम 95 फीसदी का निवेश करना होगा. ये मानदंड नौ दिसंबर, 2021 से प्रभावी होंगे.

सिल्वर ईटीएफ में कर सकेंगे निवेश
आपको बता दें वर्तमान में म्यूचुअल फंड इकाइयों को गोल्ड ईटीएफ पेश करने की ही अनुमति है, लेकिन नए प्रावधान आने के बाद सिल्वर ईटीएफ का रास्ता भी खुल गया है.

जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
नियो के रणनीति प्रमुख स्वप्निल भास्कर ने कहा, ‘‘अब लोग सिल्वर ईटीएफ में निवेश करके चांदी भी रख सकेंगे. चूंकि यह एक उच्च विनियमन वाला उत्पाद है, इसलिए निवेशक इसकी शुद्धता के बारे में निश्चित होंगे. खुले बाजार से चांदी लेने पर उन्हें ऐसी निश्चिंतता नहीं मिलती है.’’

महिलाओं के वित्तीय मंच एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने कहा, ‘‘अब निवेशक चांदी में निवेश के पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक तरल तरीके से निवेश कर सकेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इससे पोर्टफोलियो के विविधीकरण में भी मदद मिलेगी क्योंकि सोने के बाद चांदी को भी बहुमूल्य धातु की श्रेणी में रखा जाता है.

चांदी में निवेश करना होगा आसान
निप्पन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड के ईटीएफ उप-प्रमुख हेमेन भाटिया ने कहा, ‘‘निवेशकों के लिए सोने के बाद अब पारदर्शी तरीके से एक जिंस के रूप में चांदी में निवेश करना बहुत सुविधाजनक हो जाएगा.’’

NAV के वेबसाइट पर डाला जाएगा
नियमों के तहत सिल्वर ईटीएफ योजना में चांदी की कीमत को लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन या एलबीएमए के चांदी के दैनिक हाजिर मूल्य के आधार पर बेंचमार्क किया जाएगा. ऐसे ईटीएफ का शुद्ध संपत्ति मूल्य (NAV) एएमसी की वेबसाइट पर डाला जाएगा. इस कदम से निवेशकों को कीमती धातु का अधिक वास्तविक मूल्य निर्धारण मिलेगा.

सोने की तरह है नियम
ये मानदंड गोल्ड ईटीएफ के लिए मौजूदा नियामकीय तंत्र के अनुरूप हैं, क्योंकि सेबी ने एलबीएमए के माध्यम से एएमसी के लिए खुद 99.9 फीसदी शुद्ध चांदी की छड़ें रखने की प्रथा को जारी रखा है. इससे खुदरा निवेशकों को शुद्धता, जोखिम, भंडारण और बीमा की चिंता किए बिना चांदी के ईटीएफ में निवेश करने की अनुमति मिलेगी.

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