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पंकज त्रिपाठी बोले, संघर्ष के दिनों में पत्नी ने उठाई ज़िम्मेदारी इसलिए स्टेशन पर नहीं सोना पड़ा

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KBC 13: बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) आज जाना-माना नाम बन चुके हैं लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें तगड़ा संघर्ष भी करना पड़ा. पंकज जब मुंबई आए थे तो तकरीबन आठ साल तक उनके पास कोई काम नहीं था. इसके बाद उन्हें फिल्म गैंग्स ऑफ़ वासेपुर (Gangs of Wasseypur) में काम मिला और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. हाल ही में जब कौन बनेगा करोड़पति 13 (Kaun Banega Crorepati 13) में बतौर मेहमान वह प्रतीक गांधी के साथ पहुंचे तो उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी भी साझा की. 

पंकज बोले, मैं 2004 में मुंबई आया था और गैंग्स ऑफ़ वासेपुर 2012 में रिलीज हुई. इन 8 सालों में मैं क्या कर रहा था  कोई नहीं जानता. लोग आज मुझसे पूछते हैं कि आपके स्ट्रगल के दिन कैसे थे तो मैं सोचता हूं कि अच्छा वो मेरे स्ट्रगल के दिन थे? उस समय मुझे समझ नहीं आया था कि ये बुरा दौर चल रहा है. मेरी वाइफ बच्चों को पढ़ाने का काम करती थीं, हमारी जरूरतें सीमित थीं, हम छोटे से घर में रहते थे और पत्नी कमाती थीं, उनकी एक तय सैलरी मिला करती थी तो हमारा गुजारा अच्छे से हो रहा था. मेरे संघर्ष में अंधेरी स्टेशन पर सोना शामिल नहीं हुआ मेरी पत्नी की वजह से.


Pankaj Tripathi ने Amitabh Bachchan को बताया, 'संघर्ष के दिनों में पत्नी ने उठाई थी ज़िम्मेदारी इसलिए अंधेरी स्टेशन पर नहीं सोना पड़ा

इससे पहले एक इंटरव्यू में पंकज ने कहा था, 2004 से 2010 के बीच मैंने कोई कमाई नहीं की थी और मेरी पत्नी मृदुला घर का सारा खर्च उठाती थीं. मैं अंधेरी इलाके के पास घूमकर लोगों से कहता था कि कोई एक्टिंग करवा लेकिन कोई मेरी नहीं सुनता था. अब जब मैं घर जाता हूं तो मुझे अपने घर के पार्किंग एरिया तक में लोग फ़िल्में ऑफर करने लग जाते हैं.आपको बता दें कि पंकज त्रिपाठी को सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी वेबसीरीज मिर्जापुर में कालीन भैया के रोल के लिए मिली है.

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