NEWS FLASHराष्ट्रीय

न्‍यायिक आयोग को भंग करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

नई दिल्ली: विकास दुबे एनकाउंटर मामले में पहले से गठित न्यायिक आयोग को भंग करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.अदालत ने याचिकाकर्ता को सुझाव देने को कहा है. हालांकि भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने वकील घनश्याम उपाध्याय पर सवाल उठाते हुए कहा कि जस्टिस बीएस चौहान सुप्रीम कोर्ट के एक सम्मानित न्यायाधीश रहे हैं, वह हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं. उनके रिश्तेदारों से कभी कोई समस्या नहीं थी.अब आपको कोई समस्या क्यों है ?वकील ने न्यायमूर्ति बीएस चौहान के पारिवारिक कनेक्शन पर मीडिया में आर्टिकल को दिखाया.

इस पर CJI ने कहा कि हम एक समाचार पत्र के के आधार पर इस न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पर आकांक्षाएं नहीं रखेंगे. क्या कोई रिश्तेदार घटना या जांच से जुड़ा है? वह निष्पक्ष क्यों नहीं हो सकते ? ऐसे न्यायाधीश हैं जिनके पिता/ भाई सांसद हैं.क्या आप कह रहे हैं कि वे सभी पक्षपाती न्यायाधीश हैं? क्या किसी राजनीतिक दल का संबंध कोई गैरकानूनी कार्य  है?सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायमूर्ति बीएस चौहान की नियुक्ति के खिलाफ लगाए गए आरोप “अपमानजनक” हैं. वकील घनश्‍याम उपाध्याय ने कहा कि यूपी मुठभेड़ों का राज्य बनता जा रहा है. वे पूरी कानूनी व्यवस्था को परेशान कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही राजीव पांडे का एनकाउंटर हुआ है. उनकी इस दलील पर CJI ने कहा, ‘अब आप अप्रासंगिक बातें कह रहे हैं. हर राज्य में हजारों अपराध होंगे. इस आयोग के साथ इस पर क्या करना है?याचिकाकर्ता घनश्याम दुबे ने अर्जी में कहा है कि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान के भाई और समधी बीजेपी के नेता हैं जबकि पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता कानपुर के आईजी के रिश्तेदार हैं जहां विकास दुबे का कथित एनकाउंटर हुआ था.ऐसे में ये आयोग निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएगा.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से जस्टिस शशिकांत और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को हटाने से इनकार करते हुए आयोग के पुनर्गठन की अर्जी खारिज कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई की मांग पर कहा कि ‘जब आयोग में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हैं तो चिंता की क्या बात है.’ कोर्ट ने केएल गुप्ता को बदलने पर भी विचार करने से इनकार कर दिया था. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, ‘जांच आयोग में एक सुप्रीम कोर्ट के जज हैं, एक हाईकोर्ट के जज भी हैं. एक अधिकारी के कारण जांच आयोग को समाप्त करने पर विचार नही किया जा सकता है.’ सीजेआई ने कहा, ‘केएल गुप्ता ने एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है और यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई पुलिस अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ एक्शन होना चाहिए. ‘याचिकाकर्ता ने कहा कि पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता अपने मीडिया इंटरव्यू में पहले ही पुलिस को क्लीन चिट दे चुके हैं, ऐसे में निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है. इस पर यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ‘यह बयान गुप्ता ने जांच आयोग के गठित होने से पहले कही थी, साथ ही उन्होंने जांच की बात भी की थी

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button