जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल एनएन वोहरा आक्रामक मूड में हैं। पहले उन्होंने आतंकी गतिविधियों और पत्थरबाजी को बढ़ावा देने वाले व्हाट्सएप ग्रुपों की नकेल कसी थी तो अब कश्मीर में पाकिस्तानी व इस्लामिक टीवी चैनलों को प्रतिबंधित कर दिया है। वैसे यह कोई पहला अवसर नहीं है कि राज्य में इस्लामिक और पाकिस्तानी टीवी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाई गई हो।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल नरेंद्र नाथ वोहरा ने बुधवार को राज्य पुलिस महानिदेशक को क्रॉस एलओसी ट्रेड में शामिल सभी व्यापारियों की एक माह के भीतर जांच करने और आवश्यक दस्तावेज जमा न करने व संदिग्ध चरित्र अथवा गतिविधियों वाले सभी व्यापारियों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश दिया है। उन्होंने दोनों व्यापारिक केंद्रों पर 60 दिनों में सीसीटीवी स्थापित करने और ट्रकों की आवाजाही के लिए रोस्टर व्यवस्था को पूरी तरह बहाल करने का भी आदेश दिया।
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित अशांति पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने कथित रूप से घाटी के केबल ऑपरेटरों से 30 पाकिस्तानी और इस्लामिक चैनलों को बंद करने का आदेश दिया है। गृह विभाग की ओर से जारी निर्देशों में इन चैनलों को प्रतिबंधित करार दिया गया है। विभाग ने कहा कि ये चैनल शांति और सद्भाव के लिए खतरा हैं।
गृह विभाग के इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि केबल ऑपरेटर आज बैठक करेंगे और ताजा घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे। उनका कहना है कि इन चैनलों को बहुत से लोग देखते हैं, इसलिए राज्य सरकार के फैसले से उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस आशय का एक आदेश अतिरिक्त जिलायुक्त श्रीनगर ने गत 12 जुलाई को जारी करते हुए श्रीनगर में विभिन्न केबल ऑपरेटरों को भेजा है। इसमें केबल ऑपरेटरों पर आरोप लगाया गया है कि वह प्रतिबंधित निजी सैटेलाईट चैनलों का प्रसारण कर रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह विभाग के एक पत्र पीएस /होम/2018-60/ दिनांकः 2 जुलाई 2018 के मुताबिक आप उन निजी सैटेलाईट टीवी चैनलों का प्रसारण कर रहे हैं जो प्रतिबंधित हैं और जिनके प्रसारण की अनुमति नहीं है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि जनहित में और शांति व सौहार्द का माहौल बनाए रखने के लिए आप सभी प्रतिबंधित चैनलों (वह चैनल जिनके प्रसारण की केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से अनुमति नहीं है) का प्रसारण रोंकें।
इस आदेश में आगे कहा है कि केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमन अधिनियम 1995 की धारा 19 के तहत आपको तीन दिनों के भीतर सभी प्रतिबंधित और ऐसे सभी चैनलों का प्रसारण बंद करने को कहा जाता है, जिनके प्रसारण की अनुमति नहीं है। केबल ऑपरेटरों को इस संदर्भ में नोटरी द्वारा सत्यापित एक हलफनामा भी अतिरिक्त जिलायुक्त श्रीनगर के कार्यालय में दाखिल करने को कहा गया है।