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मप्र में बारिश का कहर जारी, टूटा दो दशकों का पुराना रिकार्ड

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भोपाल, बीते 24 घंटे से जारी बारिश ने प्रदेश के दर्जनों जिलों में बाढ से हालात निर्मित कर दिए। बारिश ने बीते दो दशक का रिकार्ड    दिया है इसमें सबसे अधिक हालात  रायसेन, होशंगाबाद में बिगड़े हैं। यहां 17 इंच बारिश होने से तवा व बरगी, बारना, कलियासोत, भदभदा डैम सेपानी छोड़ा गया।

जिससे नर्मदा, बेतवा, बारना का जलस्तर बढने सेन तटीय क्षेत्रों में बाढ की स्थिति निर्मित हो गई। वहीं नर्मदा का जलस्तर शनिवार रात 10 बजे तक 983 फ ीट पर पहुंच गया। जो कि खतरे के निशान से 19 फ ीट अधिक है। बाढ का पानी शहर, नगर कस्बों में तेजी से घुसा तो आनन.फानन में करीब दो दर्जन बस्तियों को खाली कराया गया। इसके अलावा 52 जिलों के 224 शहरों व कस्बों में शनिवार को एक साथ बारिश हुई। प्रदेश में अब तक एक दिन की सामान्य बारिश 0.42 इंच से 397 फ ीसदी ज्यादा पानी बरस चुका है। इसी तरहवेतबा और बारना नदियों में डैमों का पानी छोडऩे के कारण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया

इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकाप्टर से निरीक्षण कर हालत का जायजा ले रहे है .चौहान ने शनिवार को होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र देखे थे, वहीं रविवार को फिर से होशंगाबाद, सीहोर और रायसेन जिलों के साथ ही देवास, हरदा और विदिशा जिलो का दौरा कर दौरा कर हालत का जायजा लिया. मुख्यमंत्री चौहान ने संबंधित जिला कलेक्टर्स से फोन पर चर्चा कर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए . मुख्यमंत्री आमजन से भी अपील की कि से पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें।

करीब 10 हजार लोग राहत शिविरों में
नर्मदांचल के कुछ हिस्सों में 20 वर्ष पूर्व हुई अतिवर्षा का रिकार्ड टूटा है। अभी तक प्रदेश के करीब 400 ग्राम बाढ़ से प्रभावित है। रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से करीब 800 लोगों को सुरक्षित कर दिया गया है। इस बीच किसी के हताहत होने कि खबर नही है।

प्रदेश में 170 राहत शिविर लगाए गए जहां करीब 9300 लोग रह रहे हैं। अनेक स्थानों पर कोरोना के संकट को देखते हुए स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई। ।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राजनाथ को दी जानकारी
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश के बाढग़्रस्त क्षेत्रों की स्थिति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अवगत करवाया । इस्से पूर्व में उन्होने रक्षा मंत्री राजनाथ सिह को भी इस्की जानकारी दी मुख्यमंत्री बताया कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।अतिवर्षा, बाढ़ पर निरंतर नजर रखी जा रही है। युद्धस्तर पर आपदा राहत के कार्य चल रहे हैं। वही किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ है।

राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों का देंगे पूरा लाभ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी-6-4) के राहत के समस्त प्रावधानों का लाभ किसानों को दिया जाएगा। अतिवर्षा से उत्पन्न स्थिति का सर्वे कर आकलन किया जाएगा। फसलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त कर पात्रतानुसार पूरी सहायता दी जाएगी। किसानों को बीमा योजना का लाभ दिलवाने की प्रक्रिया भी चल रही है।

सेना की सहायता से किया गया एअरलिफ्ट
बालाघाट जिले में बाढ़ प्रभावित ग्राम कुलमी के तीन लोगों को एअरलिफ्ट किया गया है। छिंदवाड़ा जिले में भारतीय वायुसेना की सहायता से 29 अगस्त को 6 लोगों को बाढग़्रस्त क्षेत्रों से निकाला गया। होशंगाबाद जिले के कुछ गांवों बांद्राभान आदि में आर्मी और एनडीआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित लोगों को बाहर निकालने के लिए प्रयास कर रही है। होशंगाबाद जिले में दो कंपनी तैनात की गई हैं। सीहोर जिले में अभी भी कुछ गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। प्रशासन लगातार उनके संपर्क में बना हुआ है। जरूरत पड़ी तोएनडीआरएफ की टीम के साथ आर्मी के जवान प्रभावित लोगों की मदद करेंगे। सेना द्वारा की टीम नसरुल्लागंज और शाहगंज को बेस बनाकर आसपास के लोगों की मददकरेगी।

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