लखनऊ. उत्तर प्रदेश में हाथरस कांड को लेकर योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी विक्रम वीर, डीएसपी राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, उप निरीक्षक जगवीर सिंह तथा हेड मुर्रा महेश पाल को सस्पेंड कर दिया है. इसी के साथ एक और बड़ा फैसला लिया गया है. इसके अंतर्गत मामले से संबंधित पुलिसकर्मियों के साथ ही पीड़ित परिवार व कुछ अन्य लोगों का भी नार्को टेस्ट करवाया जाएगा. इसके अलावा संबंधित पुलिसकर्मियों का नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाएगा. वहीं, डीएम प्रवीण कुमार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस आदेश के बाद एसपी विक्रांत वीर की जगह एसपी शामली विनीत जयसवाल को हाथरस का नया एसपी नियुक्त किया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीटर अकाउंट से उन आलोचनाओं का जवाब देने की कोशिश की है जिनमें यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को कमजोर बताया गया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है. उन्होंने प्रदेश की जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि महिलाओं के सम्मान और स्वाभिमान को नुकसान पहुंचाने वालों को उनकी सरकार बख्शेगी नहीं. हर हाल में उन्हें दंड मिलेगा. ये दंड ऐसा होगा जो भविष्य में उदाहरण बन जाएगा
विपक्ष ने इन वारदात को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. आम आदमी भी यूपी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुस्से में है. उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड को लेकर सियासत और हंगामा जारी है. कई विपक्षी पार्टियां मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार और यूपी पुलिस के रवैये को लेकर सवाल उठा रही हैं।
पुलिस ने हाथरस गैंगरेप पीड़ित के गांव को पुलिस ने छावनी बना रखा है. जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी है. गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है. प्रशासन के इस रवैये से लोग नाराज हैं. उनका कहना है कि हमारे ही गांव में हमसे अपराधी जैसा सलूक हो रहा है।