नई दिल्ली , अगर किसी चुनाव के रिजल्ट में सबसे ज्यादा नोटा को वोट पड़े तो फिर उस चुनाव रिजल्ट को खारिज कर दिया जाना चाहिए और दोबारा से चुनाव कराया जाना चाहिए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में कानून मंत्रालय और भारतीय निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि चुनाव में अगर नोटा को सबसे ज्यादा वोट पड़े तो चुनाव को अमान्य करार दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि चुनाव आयोग को इसके लिए निर्देश जारी किया जाए कि वैसे चुनाव को अमान्य करार दिया जाए जहां नोटा के फेवर में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई हो।
याची ने कहा कि वोटरों का अधिकार है कि वह किसी को नापसंद करे यानी राइट टू रिजेक्ट उनका अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि चुनाव में अगर नोटा को सबसे ज्यादा वोट पड़े तो चुनाव को अमान्य करार दिया जाए।
राइट टू रिजेक्ट वोटर का अधिकार
वोटरों का अधिकार है कि वह किसी को नापसंद करे यानी राइट टू रिजेक्ट उनका अधिकार है। याचिकाकर्ता व बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि चुनाव के दौरान जब भी किसी क्षेत्र में नोटा के फेवर में सबसे ज्यादा वोट पड़े तो वैसे चुनाव को रद्द किया जाा चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई कि जैसे ही नोटा के फेवर में सबसे ज्यादा वोट पड़े उस चुनाव को रद्द कर अमान्य घोषित किया जाना चाहिए। इसके लिए चुनाव आयोग को निर्देश जारी किया जाए कि नोटा अधिकतम होने पर वहां चुनाव अमान्य घोषित किया जाए।
ऐसे कैंडिडेट को दोबारा न मिले मौका
चुनाव आयोग अनुच्छेद-324 के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल करे और नोटा अधिकतम होने पर चुनाव अमान्य घोषित कर वहां दोबारा चुनाव कराए। साथ ही गुहार लगाई गई है कि चुनाव आयोग ऐसी जगह जब चुनाव अमान्य घोषित करे तो दोबारा चुनाव की स्थिति में उन कैंडिडेट को मौका नहीं दिया जाना चाहिए जो अमान्य घोषित हुए चुनाव में अपना किस्मत आजमा चुके हों। सुप्रीम कोर्ट से साथ ही ये भी गुहार लगाई गई है कि केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह नोटा अधिकतम होने पर अमान्य हुए चुनाव के मामले में दोबारा चुनाव कराने के लिए व्यवस्था करे। याचिकाकर्ता का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट खुद संविधान का कस्टोडियन है और ऐसे में नोटा अधिकतम होने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट चुनाव को अमान्य घोषित करे।