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अन्ना हजारे को मिला संतोष हेगड़े का समर्थन, कहा- भूख हड़ताल में होंगे शामिल

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हैदराबाद। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एन संतोष हेगड़े ने केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति में देरी को लेकर केंद्र के खिलाफ दो अगस्त से प्रस्तावित सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की भूख हड़ताल का समर्थन किया है।
पूर्व सॉलिसिटर जनरल और 2011 में देश में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने वाली ‘टीम अन्ना’ के अहम सदस्य हेगड़े ने कहा कि वह दूसरी प्रतिबद्धताओं के कारण ‘थोड़े समय के लिए’ ही हड़ताल में शामिल होंगे।
कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त ने कहा, ‘अगर मेरे पास दो अक्तूबर को समय रहा तो मैं निश्चित रूप से (रालेगन सिद्धि) जाऊंगा नहीं तो किसी और दिन जाऊंगा। मैं (इस मुद्दे पर) अन्ना हजारे के साथ हूं।
हजारे ने कहा था कि वह दो अक्तूबर यानि गांधी जयंती के दिन से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने पैतृक स्थल रालेगन सिद्धि में भूख हड़ताल करेंगे। साथ ही हजारे ने लोगों से देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के अपने अभियान में शामिल होने की अपील की थी।
हजारे ने राजग सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि उसने पूर्व में वादा किया था कि वह लोकपाल नियुक्त करेगी और लोकपाल विधेयक को कार्यान्वित करेगी।
लोकपाल विधेयक संसद से पारित हो चुका है और जनवरी, 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने इसपर हस्ताक्षर भी कर दिए थे। हेगड़े ने कहा, ‘सरकार से आश्वासन मिले काफी समय हो गया, कानून पारित हो चुका है। वे पता नहीं किस कारण से नियुक्ति नहीं कर रहे।’
गौरतलब है कि इस महीने की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली लोकपाल चयन समिति ने लोकपाल और उसके सदस्यों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश करने के मकसद से एक सर्च कमेटी के गठन के लिए बैठक की थी।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में शामिल होने के केंद्र सरकार के निमंत्रण को ठुकरा दिया था और बैठक में नहीं पहुंचे। उन्हें विशिष्ट अतिथि के रूप में बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था।
खड़गे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि जब तक देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को समिति का पूर्ण सदस्य नहीं बनाया जाता, वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
इसे लेकर हेगड़े ने कहा, ‘एक व्यक्ति के कारण समिति की कार्रवाई बाधित नहीं हो सकती’’ और सरकार को लोकपाल की नियुक्ति के मुद्दे पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘‘यह कोई बहाना नहीं हो सकता।’ हेगड़े ने साथ ही कहा, ‘मैं हर पार्टी को दोष देता हूं, वे लोकपाल जैसी मजबूत संस्था नहीं चाहते।

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