नईदिल्ली, कोरोना के बढ़ते संकट से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जो नेशनल प्लान मांगा था, उस पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार ने प्लान तो दाखिल कर लिया लेकिन कोर्ट के कड़ी टिप्पणियों का सिलसिला जारी रखा।
कोर्ट ने पूछा कि अगर अभी की स्थिति राष्ट्रीय आपातकाल नहीं है तो क्या है? इस समय वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है और वैक्सीन के अलग-अलग दामों पर केंद्र क्या कर रहा है? कोर्ट ने यह भी कहा कि आज की सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को रोकना नहीं है।
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा-यह राष्ट्रीय संकट का समय है। हम मूकदर्शक बने नहीं रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, एलएन राव और एसआर भट्ट की बेंच ने तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाते हुए कहा- वेदांता द्वारा ऑक्सीजन के उत्पादन पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। यह राष्ट्रीय आपदा का समय है।
देश की सबसे बड़ी अदालत होने के नाते हम जिंदगियों को बचाने की हर कोशिश करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने वेंदाता की ऑक्सीजन उत्पादन इकाई को 15 जुलाई तक ऑपरेशन की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इस पर दोबारा आदेश देगा।
अदालत में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय लेवल पर हालात को मॉनिटर कर रही है, खुद पीएम भी मीटिंग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी उन्होंने केंद्र द्वारा दाखिल प्लान नहीं देखा है। उम्मीद है कि राज्यों से भी इसका फायदा होगा, हम इसे देखेंगे।