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नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता नरेश गुजराल ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव पूर्व गठबंधन बनाकर जीतने के लिए भाजपा की मौजूदा सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे व्यवहार (वाजपेयी टच) की जरूरत है।
पंजाब से राज्यसभा सदस्य गुजराल वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब ‘न्यूजमेन: ट्रैकिंग इंडिया इन द मोदी एरा’ के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
गुजराल ने कहा, ‘‘एनडीए की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह किस तरह का चुनाव पूर्व गठबंधन तैयार कर पाता है। यदि वे अपने मौजूदा साझेदारों को साथ रखने और कुछ अन्य को साथ लाने में कामयाब होते हैं, तो अहम है कि भाजपा अपने सहयोगियों से सहृदयता से पेश आए।
यहां वाजपेयी जैसे व्यवहार (वाजपेयी टच) की जरूरत होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि शिवसेना उनके साथ रहेगी, बशर्ते वह उनसे ज्यादा सीटें नहीं मांगे। मुझे यकीन है कि नीतीश कुमार अपने हिस्से की सीटें मांगेंगे और मुझे यकीन है कि यदि उन्होंने हमसे (एसएडी) एक भी सीटें और मांगी तो हम इनकार कर देंगे।
विमोचन कार्यक्रम में चर्चा का विषय था कि ‘2019 के चुनाव कौन जीतेगा?’ साल 2014 के आम चुनावों में एनडीए की ठोस जीत को याद करते हुए गुजराल ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ आखिरी पलों में हुए गठबंधन के कारण भाजपा 282 का आंकड़ा छू पाई।
अकाली दल के नेता ने कहा, ‘‘पिछली बार आखिरी पलों में हम एन. चंद्रबाबू नायडू को लाने में कामयाब रहे और वह हमारी ताकत बढ़ाने में काफी मददगार साबित हुए। निजी तौर पर मेरा मानना है कि यदि नायडू गठबंधन में शामिल नहीं हुए होते तो भाजपा 282 का आंकड़ा नहीं छू पाती।’’
नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बीते 16 मार्च को भाजपा से अपने चार साल का गठबंधन खत्म कर लिया और एनडीए से अलग हो गई। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के कारण तेदेपा ने एनडीए से नाता तोड़ा।