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देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और गैर संक्रामक रोगों के कारण भी हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. इसे कम करने के लिए तमिलनाडु सरकार ने एक कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है. इसके तहत तमिलनाडु सरकार राज्य भर में क्लीनिक की पहुंच लोगों के घरों तक बना रहा है.
गैर संक्रामक रोग से हो रही मौतों को कम करने का लक्ष्य
तमिलनाडु सरकार ने गैर संक्रामक रोग के कारण हर साल होने वाली लगभग पांच लाख मौतों को 50% तक कम करने के उद्देश्य लिया है. इसके तहत अब लोगों को उनके घरों तक क्लीनिक की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. वहीं सरकार की ओर से क्रोनिक रीनल फेल्योर वाले लोगों के लिए घर पर डायलिसिस की सुविधा दी जाएगी.
फिलहाल विशेष रूप से डायबिटीज और हाई ब्लड-प्रेशर जैसी बीमारियों के लिए डॉक्टरों के अधिकांश फैसले लैब के टेस्ट रिजल्ट पर आधारित होते हैं. जिसे लेकर राज्य सरकार अगले 10 दिनों में बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. यह राज्य सरकार की डोरस्टेप मेडियल केयर प्रोग्राम योजना के तहत काम करेगी.
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज रोगियौं को घर पर मिलेगी इलाज की सुविधा
स्वास्थ्य अधिकारियों का अनुमान है कि तमिलनाडु में कम से कम एक करोड़ लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के लिए निरंतर चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है. इस योजना के तहत एक बार हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के रोगियों की पहचान होने के बाद सरकारी नर्सें और पैरामेडिकल स्टाफ दवाएं पहुंचाएंगे और लोगों के घरों पर लगातार नियमित जांच करेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने मंगलवार को कहा है कि राज्य में केवल 20 लाख लोग हमारी सुविधाओं के लिए अस्पताल पहुंच पाते हैं. वहीं अब इस योजना के तहत छह महीने तक डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगियों की पहचान की जाएगी. उनका कहना है कि ‘मक्कलाई थेदी मारुथुवम’ के तहत हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज रोगियों को प्राथमिक जांच और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में परामर्श से गुजरना होगा. इसके बाद नर्सें हर महीने उनके घर दवा पहुंचाएंगी.
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