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गुजरात में हड़प्पा युग का स्थल धोलीवाड़ा को यूनेस्को हेरिटेज कमेटी ने विश्व के धरोहरों की सूची में शामिल कर लिया है. यह फैसला वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी ऑफ यूनेस्को के 44वें सत्र के दौरान लिया गया और इसकी अध्यक्षता मंगलवार को चीन ने की.
इस सेशन में पहले तेलंगाना के मंदिर रुद्रेश्वर का नाम विश्व के धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था, जिसे रामप्पा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. काकतिया रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर को 25 जुलाई को विश्व धरोहर के शिलालेख में अंकित किया गया जबकि सिंधु घाटी सभ्यता का एक विशाल स्थल धोलीवारा को आज शामिल किया गया है. बयान में कहा गया है कि भारत में विश्व धरोहर स्थल की संख्या बढ़कर 40 हो गई है.
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Dholavira: A Harappan City, in #India🇮🇳, just inscribed on the @UNESCO #WorldHeritage List. Congratulations! 👏
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धोलीवारा एक लोकप्रिय स्थल है जो गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालिका में मासर एवं मानहर नदियों के संगम पर स्थित है और यह सिंधु सभ्यता का एक प्रचीन और विशाल नगर था. धोलीवारा सिंधु सभ्यता का सबसे सुंदर नगर है और जल संग्रहण के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं और अच्छी जल प्रबंधन की प्रणाली भी यहीं से मिली है.
भारत में दूसरा सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल और भारतीय उपमहाद्वी में पांचवां सबसे बड़ा है और यह इतिहास प्रेमियों के लिए खास जगह है. इसे स्थानीय रूप से कोटड़ा टिम्बा कहा जाता है.
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