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Pegasus Snooping Row: पेगासस जासूसी मामला और कृषि कानूनों सहित अन्य मुद्दों पर कांग्रेस, टीएमसी समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण आज भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू ढ़ंग से नहीं चल सकी.
इस बीच कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की और पेगासस जासूसी मामले, कृषि कानून और कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की. संसद भवन में हुई इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टीआर बालू एवं कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, बसपा के रितेश पांडे, माकपा के ए एम आरिफ और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन शामिल हुए.
लोकसभा की कार्यवाही
लोकसभा की बैठक नौ बार के स्थगन के बाद अपराह्न 4 बजकर करीब 35 मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और पीठासीन सभापतियों राजेंद्र अग्रवाल तथा भर्तृहरि महताब ने कार्यवाही चलाने का भरसक प्रयास किया और इस दौरान कई बार कार्यवाही को 10 मिनट से लेकर आधे घंटे तक के लिए स्थगित करना पड़ा . लेकिन पेगासस जासूसी मामला, केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों जैसे मुद्दों पर विपक्षी दलों के शोर-शराबे के कारण कार्यवाही बार-बार बाधित हुई . नौ बार के स्थगन के बाद अंतत: अपराह्न 4 बजकर करीब 35 मिनट पर बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया.
सदन की बैठक शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ और जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति डॉ केनेथ डेविड कौंडा के निधन की जानकारी दी और उनके सम्मान में सदन ने कुछ पल का मौन रखा. इसके बाद अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्य केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों समेत अन्य विषयों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए.
बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यदि वे किसानों के प्रति थोड़ी भी पीड़ा रखते हैं तो उन्हें शांति से अपने स्थान पर बैठकर प्रश्नों के माध्यम से अपनी बात रखनी चाहिए और सरकार की बात सुननी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के हंगामे से सदन की गरिमा प्रभावित हो रही है, जनता का भी नुकसान हो रहा है तथा किसानों के प्रति विपक्ष का चरित्र भी दिखाई दे रहा है.’’
राज्यसभा
वहीं राज्यसभा में हंगामे के कारण मंगलवार को फिर से राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई. लिहाजा सदन की बैठक चार बार के स्थगन के बाद अंतत: बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई. हालांकि हंगामे के बीच ही नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया और किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 को चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया गया.
ज्ञात हो कि पेगासस सहित अन्य मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है. विपक्ष इन मुद्दों पर बहस चाहता है जबकि सरकार का कहना है कि संबंधित मंत्री ने इस विवाद पर अपना बयान सदन में दे दिया है. इन्हीं मुद्दों पर गतिरोध के कारण मानसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया था जबकि सोमवार को भी सदन में कोई महत्वपूर्ण नहीं हो सका था.
पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा द्वारा सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित किए जाने से पहले केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 को सदन में पेश किया. यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है.
पात्रा इस विधेयक पर चर्चा शुरु कराना चाहते थे लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का हंगामा आरंभ हो गया. लिहाजा, उन्हें कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी.
पीएम मोदी और सीएम ममता बनर्जी के बीच करीब 40 मिनट चली बैठक, बताया किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
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