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कब सुलझेगा LAC विवाद? भारत-चीन के बीच कल मोल्डो में 12वें राउंड की होगी सैन्य स्तर की वार्ता

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India China Border Dispute: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद पिछले साल मई के महीने से ही जारी है. लेकिन अभी तक दोनों पक्षों की तरफ से अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों का वापसी नहीं हो पाई है. अब कल यानी शनिवार को भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कॉप्स कमांडर स्तर की वार्ता चीन की तरफ मोल्डो में सुबह साढ़े दस बजे होगी.

हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा हाइट्स से सैनिकों की वापसी पर चर्चा

समाचार एजेंसी एएनआई ने सैन्य सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत और चीन के बीच इस बैठक के दौरान हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा हाइट्स से सैनिकों की वापसी पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच एलएसी विवाद के निपटारे के लिए अब तक कूटनीतिक और सैन्य स्तर की लगातार वार्ताएं हुई हैं. कुछ जगहों से दोनों देशों की सैनिकों की वापसी भी हुई और जवान पुराने ठिकाने पर चले गए. लेकिन, हॉट स्प्रिंग और गोगरा में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. पिछले साल जून में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जो पिछले कई दशकों में ऐसी पहली घटना थी. इस घटना में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के करीब 40 पीएलए जवान मारे गए थे. हालांकि, चीन ने कभी भी दुनिया के सामने अपनी सैनिकों मौत का वास्तविक आंकड़ा नहीं दिया.

भारत-चीन विवाद के बीच शी जिनपिंग का ल्हासा दौरा

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ल्हासा में शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की और तिब्बत में दीर्घकालिक स्थिरता एवं समृद्धि के महत्व को रेखांकित किया. भारत के अरुणाचल प्रदेश से लगते न्यिंगची सहित सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र के चिनफिंग के अघोषित दौरे की खबर उजागर करने के एक दिन बाद सरकारी मीडिया ने ल्हासा में उनके शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मिलने की खबर दी.

ग्लोबल टाइम्स ने अपनी खबर में कहा कि शी जिनपिंग चीनी सेना की तिब्बत कमान के शीर्ष अधिकारियों से मिले और सैनिकों के प्रशिक्षण कार्य तथा युद्ध तैयारी को पूरी तरह मजबूत करने का आह्वान किया. राष्ट्रपति के रूप में जिनपिंग का यह पहला तिब्बत दौरा था जो पिछले हफ्ते बुधवार से शुक्रवार तक चला. लेकिन चीन की आधिकारिक मीडिया ने इसके संपन्न होने तक इससे संबंधित खबर को गोपनीय रखा.

चिनफिंग अपनी इस यात्रा के तहत पहले न्यिंगची गए जो भारत के अरुणाचल प्रदेश से लगती सीमा पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एक नगर है. वह न्यिंगची रेलवे स्टेशन पहुंचे और इससे संबंधित चीजों के बारे में जानकारी ली. सरकारी मीडिया ने कहा कि उनकी यह यात्रा तिब्बत में तैनात सैन्य अधिकारियों से मुलाकात के साथ संपन्न हुई. अधिकारियों के साथ मुलाकात में उन्होंने तिब्बत में दीर्घकालिक स्थिरता एवं समृद्धि के महत्व को रेखांकित किया. जिनपिंग का पहला तिब्बत दौरा पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सैन्य गतिरोध के बीच हुआ है.

ये भी पढ़ें: सेना के सूत्रों ने कहा- डेमचोक में चीनी टेंट की खबर दो साल पुरानी, राहुल गांधी ने सरकार पर बोला था हमला



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