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नई दिल्लीः अमेरिका की भुगतान प्रौद्योगिकी कंपनी मास्टरकार्ड ने शुक्रवार को कहा कि उसने स्थानीय स्तर पर आंकड़े रखे जाने के नियमों के अनुपालन को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक को ऑडिट रिपोर्ट सौंप दी है. स्थानीय स्तर पर आंकड़े रखे जाने से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर आरबीआई ने 14 जुलाई को मास्टरकार्ड पर नये क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड जारी करने को लेकर अनिश्चितकाल के लिये पाबंदी लगा दी थी. पाबंदी 22 जुलाई से प्रभाव में आयी.
स्थानीय स्तर पर आंकड़े रखने के नियमों के तहत कंपनी को भारतीय ग्राहकों के आंकड़े देश में ही रखने की जरूरत है. मास्टरकार्ड ने कहा, ‘‘आरबीआई ने जब अप्रैल 2021 में हमसे स्थानीय स्तर पर आंकड़े रखने के बारे में अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगा था, हमने अनुपालन को दिखाने के लिये डेलॉयट की सेवा ली थी.’’ उसने कहा, ‘‘हम अप्रैल0 से आरबीआई के लगातार संपर्क में रहे हैं और 20 जुलाई, 2021 को हमने इस बारे में रिपोर्ट आरबीआई को सौंपी.’’
दरअसल RBI द्वारा नए कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगाने के बाद, यूएस-आधारित प्रौद्योगिकी कंपनी मास्टरकार्ड ने शुक्रवार को कहा कि उसने नियामक को एक ऑडिट रिपोर्ट सौंपी है जिसमें स्थानीय डेटा भंडारण मानदंडों का अनुपालन दिखाया गया है. रिजर्व बैंक ने 14 जुलाई को मास्टरकार्ड पर नए क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड जारी करने पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध 22 जुलाई से लागू हो गया है.
कंपनी ने कहा कि वह आरबीआई द्वारा उठाए गए किसी भी अतिरिक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों को लगाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही कंपनी का कहना है कि ‘हम यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि हमारा वर्तमान व्यवसाय हमेशा की तरह काम करता रहे, कार्डधारकों पर किसी भी प्रभाव को कम करने के लिए अपने ग्राहकों और भागीदारों के साथ लॉकस्टेप में काम कर रहा है.’
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