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Beef Controversy: मेघालय की एनडीए सरकार में मंत्री सनबोर शुल्लई के एक बयान की चारों ओर खूब चर्चा हो रही है. ये बयान बीफ को लेकर है. सनबोर शुल्लई ने राज्य के लोगों को चिकन, मटन और मछली की तुलना में ज्यादा से ज्यादा गोमांस यानी बीफ खाने के लिए प्रोत्साहित किया है. उन्होंने बीफ को लेकर बयान देते हुए इस आशंका को दूर किया है कि उनकी पार्टी बीफ के खिलाफ थी.
कोई भी पार्टी किसी को बीफ खाने से नहीं रोक सकती- शुल्लई
पिछले हफ्ते कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुल्लई ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में हर कोई जो चाहे खाने के लिए स्वतंत्र है. उन्होंने कहा, ‘’विशेष रूप से मेघालय में बीफ खाने के मुद्दे के बारे में मेरा कहना है कि बीफ खाने वाले समुदाय ज्यादा से ज्यादा बीफ खाने के लिए स्वतंत्र हैं, क्योंकि मेघालय में बीफ खाने वाले समुदायों को प्रतिबंधित करने वाला कोई कानून नहीं है.’’ शुल्लई ने आगे कहा, ‘’ऐसी कोई पार्टी नहीं है, चाहे वह बीजेपी हो या कांग्रेस या कोई भी पार्टी, जो लोगों को बीफ खाने से रोक सकती है.’’
असम के नए गाय कानून से प्रभावित न हों- शुल्लई
पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री शुल्लई ने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि वह असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मेघालय में मवेशी परिवहन पड़ोसी राज्य में नए गाय कानून से प्रभावित न हो.
मेघालय और असम के बीच जटिल सीमा विवाद और वहां 26 जुलाई को हुई हिंसा पर शुल्लई ने कहा, ‘’यह उचित समय है कि राज्य सीमा और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए अपने पुलिस बल का उपयोग करें.’’ यह स्वीकार करते हुए कि मेघालय-असम सीमा पंक्ति एक लंबे समय से लंबित मुद्दा है, शुल्लई ने उल्लेख किया कि कोई भी पार्टी अब तक इसे हल करने में सक्षम नहीं है. उन्होंने महसूस किया कि राज्य के लोगों की रक्षा के लिए उन्हें समस्या का पोस्टमार्टम करना होगा और मुख्यमंत्री के साथ मिलकर उस पर काम करना होगा.’’
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