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India China News: भारत और चीन के बीच 12वें दौर की सैन्य वार्ता पर सेना का बयान आया है. सेना ने कहा कि इस बैठक के दौरान भारत और चीन मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शेष मुद्दों को जल्दी हल करने और बातचीत की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए. सेना ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि वे पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखेंगे.
सेना ने कहा कि सैनिकों की वापसी से संबंधित बचे हुए मुद्दों के समाधान के लिये स्पष्ट और गहन बातचीत हुई. दोनों पक्षों ने माना कि बातचीत रचनात्मक थी जिससे परस्पर समझ और बढ़ी है. दोनों पक्षों ने एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने और संयुक्त रूप से शांति कायम रखने के लिये प्रभावी प्रयास जारी रखने पर सहमति जताई.
बता दें कि 31 जुलाई को भारत और चीन के बीच 12वें दौर की सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर स्थित मोल्डो सीमा बिन्दु पर हुई थी. ये बैठक करीब नौ घंटे तक चली थी. 12वें दौर की वार्ता साढ़े तीन महीने से भी ज्यादा समय के अंतराल पर हुई. दोनों पक्षों के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी के भारतीय सीमा में चुशुल सीमा बिन्दु पर हुई थी, जो करीब 13 घंटों तक चली थी.
गौरतलब है कि 12वें दौर की सैन्य वार्ता से करीब दो सप्ताह पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से स्पष्ट रूप में कहा था कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी रहना, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) सम्मेलन से इतर करीब एक घंटे लंबी द्विपक्षीय वार्ता हुई थी.
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