राष्ट्रीय

Zika Virus: पुणे में पहला मामला सामने आने के बाद हरकत में प्रशासन, गांवों में हो रहा सर्वेक्षण

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Zika Virus: महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया. 50 वर्षीय महिला जो पुणे जिले के नजदीक बसे बेलसर गांव में रहती हैं, उनमें ये संक्रमण पाया गया. जीका वायरस का मामला अब तक केरल में पाया गया था, जहां 63 केस मिले हैं. पुणे के इस गांव में बसे लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है. वहीं मुंबई में इस बीमारी के फैलने से रोकने के लिए महानगरपालिका तैयार है.

पुणे में राज्य का सबसे पहला ज़ीका वायरस का मरीज मिलने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. डॉक्टरों की टीम गांव के हर एक घर जाकर लोगों की जांच कर रही है. बेलसर के आस पास के करीब सात गांवों में सर्वेक्षण किया जा रहा और स्वास्थ्य विभाग की टीम घर घर जाकर हर व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी इकट्ठा कर रही है. इसके अलावा गांव में इस बीमारी से बचने के तरीकों को लाउडस्पीकर लगाकर लोगों तक पहुंचाया जा रहा है.

राज्य के सर्वेक्षण अधिकारी डॉक्टर प्रदीप आवटे ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि बीमार महिला की हालत बिल्कुल ठीक है और चिंता की कोई भी बात नहीं है. उन्होंने बताया कि बेलसर गांव से पिछले कुछ दिनों से बुखार के मरीज़ काफी ज्यादा पाए जा रहे थे जिसके बाद यहां से कुछ लोगों के सैम्पल पुणे के राष्ट्रीय विषाणु संस्था (NIV) को भेजे गए. भेजे गए रिपोर्ट में से एक महिला का रिपोर्ट ज़ीका वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया. फिलहाल गाव में या आस पास के इलाके में कोई भी अन्य मरीज़ नहीं पाए गए हैं. डॉक्टर आवटे ने बताया कि दुनियाभर के अनुभव के मुताबिक ज़ीका वायरस का सबसे ज़्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को है और उसके मुताबिक हम तैयारियां कर रहे हैं.

वहीं, मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर का कहना है कि महानगरपालिका हमेशा से तैयार रहती है. लेकिन लोगों को भी अपना खयाल रखना काफी ज़रूरी है. अगर बुखार या फिर सर्दी जैसी हालत होती है तो लोगों को जल्दी ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में भी हमने टेस्टिंग की तयारी रखी है.

मुंबई के वोखार्ड हॉस्पिटल के एमडी डॉ बेहरम पद्रीवाला जीका वायरस के बारे में कहते हैं कि इस बीमारी से 90 फीसदी लोग जल्द ठीक हो जाते हैं और इतने गंभीर लक्षण भी नहीं होते हैं. लक्षण जैसे कि सर्दी-बुखार, आंखें लाल होना और सिर दर्द होना हैं. ये संक्रमण गर्भवती महिलाओं से अपने बच्चों में फेल सकता है. वहीं संभोग के दौरान भी लोगों में फैल सकता है. लेकिन इस बीच डॉ. का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा होता है. ये गर्भवती महिला से उसके बच्चे में फैल सकता है. वहीं अगर किसी व्यक्ति ने लक्षणों को नज़रअंदाज़ किया तो गंभीर लक्षण भी देखे जा सकते हैं. जैसे कि मरीज को लकवा भी मार सकता है.

सरकार के बड़े मंत्रियों की भी विपक्ष को मनाने की कोशिश हुई बेकार, सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध अभी भी बरकरार

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button