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‘पापड़ी चाट’ वाले बयान पर पीएम का निशाना, राहुल साइकिल से पहुंचे संसद | 10 बड़ी बातें

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Parliament Monsoon Session: पेगासस, तीन नए कृषि कानून और महंगाई के मुद्दे पर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव जारी है. आज भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही. हालांकि हंगामे के बीच दोनों ही सदनों में एक-एक विधेयक को मंजूरी मिली. विपक्ष ने अपने तेवर और कड़े करने का फैसला किया है.

1. आक्रामक विपक्ष के नेताओं ने आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के न्योते पर ब्रेकफास्ट किया और इस दौरान सरकार को घेरने को लेकर रणनीति तैयार की. इसके बाद राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने मंहगाई के खिलाफ संसद भवन तक साइकिल मार्च निकाला. 

2. राहुल गांधी ने बैठक में कहा, ‘‘आप लोगों को आमंत्रित करने का एकमात्र मकसद था कि हमें एकजुट होना चाहिए. जितना ही ये आवाज एकजुट होगी, उतना ही शक्तिशाली होगी और बीजेपी एवं आरएसएस के लिए इसे दबाना उतना ही मुश्किल होगा.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हमें एकजुटता की बुनियाद को याद रखना चाहिए.’’ सूत्रों का कहना है कि नाश्ते पर हुई इस बैठक में कुल 17 पार्टियों को न्यौता दिया गया था, लेकिन बसपा और आम आदमी पार्टी के नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

3 . दूसरी तरफ बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई. इस बैठक में संसद में विपक्ष के रुख पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताई. पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी सदस्यों का आचरण संविधान, संसद और जनता का अपमान करता है. मानसून सत्र में यह संसदीय दल की तीसरी बैठक थी, जिसे प्रधानमंत्री ने संबोधित किया. 

4. बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘कल तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने ट्वीट किया था. प्रधानमंत्री ने इसे जनता का अपमान बताया और कहा कि जनता ही सांसदों को चुनती है. प्रधानमंत्री ने इस बयान पर नाराजगी जताई…पापड़ी-चाट बनाने की बात करना अपमानजनक बयान है. कागज छीन लेना और उसके टुकड़े कर फेंकना और माफी भी ना मांगना उनके अहंकार को दर्शाता है.’’

5. टीएमसी के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने सरकार पर जल्दबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाते हुए सोमवार को दावा किया कि सात-सात मिनट में एक विधेयक पारित कराया गया. ओ’ब्रायन ने एक ट्वीट में कहा था, ‘‘पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराये और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं.’’

6. बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद और तीन केंद्रीय कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण मानसून सत्र के पहले दोनों सप्ताह की कार्यवाही बाधित हुई और अब तक सदन में कोई खास कामकाज नहीं हो सका. हालांकि हंगामे के बीच ही सरकार कुछ विधेयकों को पारित कराने में सफल रही.  संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ है.

7. आज भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई और दो बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर दो बजकर करीब 40 मिनट पर दिन भर के लिए लिए स्थगित कर दी गई. दो बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सदन में विपक्ष का हंगामा जारी था. सदन में नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन 2021 विधेयक चर्चा के लिए रखा. सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को पारित कर दिया.

8. दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन 2021 पर चर्चा के दौरान हंगामें पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा. सीतारमण ने कहा, ‘‘ संसदीय शिष्टाचार बहुत महत्वपूर्ण होता है. असहमति होने पर आप विरोध कर सकते है. बहरहाल, जब कोई सदस्य (सदन में) बोलने के लिए खड़ा हो तो उन्हें बाधित करना और धमकाने वाले अंदाज में उन्हें घेर लेना…यह सब अस्वीकार्य है. ’’

9. वहीं लोकसभा की कार्यवाही भी बाधित रही. हालांकि हंगामे के बीच लोकसभा ने ‘अधिकरण सुधार विधेयक, 2021’ को मंजूरी दी. आज लोकसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न करीब चार बजकर 10 मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.

10. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सरकार और विपक्ष, दोनों से संसद में जारी गतिरोध का मिलजुलकर हल निकालने की अपील की. समझा जाता है कि सभापति ने मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही पहली बार स्थगित होने के बाद, सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ सदन में जारी गतिरोध को दूर करने के बारे में चर्चा की. 

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