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त्रिपुरा में बीएसफ जवानों पर हुए उग्रवादी हमले ने उड़ाई सुरक्षा एजेंसियों की नींद, दो जवान शहीद

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Militant Attack In Tripura: त्रिपुरा में बीएसएफ (BSF) जवानों पर हुए उग्रवादी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. मंगलवार को बांग्लादेश सीमा से सटे इलाके में पैट्रोलिंग कर रहे बीएसएफ जवानों पर उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्से के दो जवानों की मौत हो गई थी. एक लंबे समय बाद त्रिपुरा में उग्रवादी संगठनों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया है. 

बीएसएफ के मुताबिक, मंगलवार की सुबह करीब 6.30 बजे बांग्लादेश सीमा से सटे इलाके में पैट्रोलिंग के दौरान उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया. इस हमले में बीएसएफ के एक सब-इंस्पेकटर और कांस्टेबल की मौत हो गई. बीएसएफ के मुताबिक, दोनों बहादुर जवानों ने उग्रवादियों को कड़ा मुकाबला किया. घटनास्थल पर जो खून के निशान मिले हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है कि उग्रवादी भी इस हमले में घायल हुए हैं. हालांकि, वे घटनास्थल से भागने में कामयाब रहे. वीरगति को प्राप्त हुए बीएसएफ के जवानों की पहचान सब-इस्पेकटर भुरू सिंह और कॉन्सटेबल राजकुमार के तौर पर हुई है. 

बीएसएफ के मुताबिक, घटना के बाद से पूरे इलाके की सघन सर्च चल रही है ताकि उग्रवादियों को पकड़ा जा सके. लेकिन जानकारी के मुताबिक, हमला करने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि उग्रवादी बांग्लादेश सीमा पार कर भाग खड़े हुए हैं. 

लेकिन हाल के सालों में ये पहली बार है कि त्रिपुरा में कोई उग्रवादी हमला हुआ है. हालांकि, 80 और 90 के दशक में यहां नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और त्रिपुरा टाइगर फोर्स सक्रिए रहती थी, लेकिन सुरक्षाबलों के क्रैक-डाउन के बाद दोनों ही संगठनों का सफाया हो गया था. ये दोनों ही उग्रवादी संगठन बांग्लादेश सीमा से ऑपरेट करते थे और वहीं पर इनके कैंप भी थे. लेकिन कुछ साल पहले बांग्लादेश की सेना ने भी इनके खिलाफ कारवाई की थी. जिसके बाद से ये उग्रवादी संगठन शांत थे. लेकिन एक बार फिर से एनएलएफटी त्रिपुरा में अपने पांव पसारने के लिए तैयार है. माना जा रहा है कि ये संगठन उत्तर-पूर्व के राज्यों में सक्रिए दूसरे उग्रवादी संगठनों के संपर्क में हो सकते हैं.

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