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नागपुरः बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया गया था.
याचिकाकर्ता पर लगा जुर्माना
हाई कोर्ट ने इस मामले में याचिका दायर करने वाले वकील राम खोबरागडे पर जुर्माना भी लगाया है. याचिका में अनुरोध किया गया था कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री शाह को जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 के तहत “भ्रष्ट आचरण” का दोषी करार दिया जाए और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श चुनावी आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए अयोग्य घोषित किया जाए.
जनप्रतिनिधित्व कानून की अनदेखी करने पर दायर की थी याचिका
जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस अनिल किलोर की खंडपीठ ने कहा कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है क्योंकि यह जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 80-81 के अलावा संविधान के अनुच्छेद 102 में दिए गए प्रावधानों की अनदेखी करते हुए दायर की गई थी.
कोर्ट ने कहा कि एक वकील होने के बावजूद याचिकाकर्ता ने अन्य कानूनी उपायों की मदद लेने के बजाय सीधे हाई कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. उसे यह राशि हाई कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के पास जमा करानी होगी.
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