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ममता बनर्जी ने BJP पर साधा निशाना, कहा -त्रिपुरा में गृह मंत्री ने कराया अभिषेक बनर्जी पर हमला

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी पर हमले करने के निर्देश दिए. तृणमूल ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों द्वारा हमला किए जाने के बाद त्रिपुरा के कुछ सदस्य घायल हो गए.

तृणमूल कांग्रेस ने 7 अगस्त को दावा किया कि उसके कम से कम सात नेता और कार्यकर्ता हो गए और सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा पार्टी कार्यालय पर कथित रूप से हमला किया गया. तृणमूल सुप्रीमो ने सरकारी एसएसकेएम में घायल तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद कहा, “भाजपा त्रिपुरा, असम, उत्तर प्रदेश और जहां भी सत्ता में है, वहां अराजक सरकार चला रही है. हम अभिषेक और त्रिपुरा में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों की निंदा करते हैं.” 

त्रिपुरा पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप
ममता ने कहा”इस तरह के हमले केंद्रीय गृह मंत्री के सक्रिय समर्थन के बिना संभव नहीं होते. वह इन हमलों के पीछे हैं, जो त्रिपुरा पुलिस के सामने किए गए क्योंकि यह मूकदर्शक बनी रही. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री में इस तरह के हमलों का आदेश देने का साहस नहीं है. ” 

टीएमसी सदस्यों पर कथित हमलों के बाद अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा, “भाजपा त्रिपुरा के गुंडों ने अपना असली रंग दिखाया है! तृणमूल कार्यकर्ताओं पर यह बर्बर हमला भाजपा के बिप्लब के तहत त्रिपुरा में ‘गुंडा राज’ का खुलासा करता है.” (मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ) सरकार! आपकी धमकियां और हमले ही आपकी अमानवीयता साबित करते हैं. आप जो कर सकते हैं, वह करें. तृणमूल एक इंच भी नहीं हिलेगी.” विशेष रूप से टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी के काफिले, पर कथित तौर पर 2 अगस्त को त्रिपुरा की यात्रा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला किया था.

त्रिपुरा में आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही टीएमसी
टीएमसी त्रिपुरा में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है. टीएमसी ने राज्य की पुलिस द्वारा 25 जुलाई को अगरतला के एक होटल में पोल स्ट्रेजिस्ट प्रशांत किशोर के आई-पीएसी के 23 सदस्यों की “हाउस अरेस्ट” के बाद कई नेताओं को भाजपा सरकार वाले राज्य में भेजा था.

पुलिस के सामने पिटाई का आरोप
ममता बनर्जी ने कहा कि, छात्रों को पत्थरों से पीटा गया है और गोलियां भी चलाई गई हैं. कारों को तोड़ दिया गया है और सिर में गंभीर चोटें आई हैं. सुजीत के सिर में चोट आई है. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने पुलिस के सामने उनकी पिटाई कर दी और उसके बाद 36 घंटे बीत गए जहां उन्होंने कोई दवा, सहायता या एक गिलास पानी भी नहीं दिया. वे लॉकअप में थे, तब भी हमारे सदस्यों और यहां तक कि पत्रकारों को भी एक गिलास पानी नहीं दिया गया था. 

त्रिपुरा में लोग बैक टू बैक गए और जिस तरह से उन्हें पीटा गया, कारों को नुकसान पहुंचा बाद में बुलेटप्रूफ कार की व्यवस्था की गई. यह सब केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में हुआ है. मेरा तो यही मानना है. अन्यथा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री में दुस्साहस नहीं हो सकता. ममता ने कहा कि अभिषेक प्लेन से जा रहे हैं तो बगल की पांच सीटें खरीदी जा रही हैं और उनके बगल में गुंडे बैठाए जा रहे हैं. इसलिए उसकी जान को खतरा हो रहा है.

छात्र बिरादरी हो एकजुट
ममता ने कहा कि मेरा मानना है कि जो घटना हुई है उसके प्रति छात्र बिरादरी को एकजुटता से उठना चाहिए. मैं उनकी यातना की कड़ी निंदा करती हूं. छात्रों को जमानत नहीं दी गई. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया ताकि उन्हें जमानत न मिले. और अत्याचार करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
 
हमें विश्वास, त्रिपुरा में जीतेंगे-ममता
ममता ने आगे कहा कि त्रिपुरा मेरा पड़ोसी राज्य है. हम उनकी मदद करते हैं, त्रिपुरा और बंगाल में कोई अंतर नहीं है. त्रिपुरा असम और बंगाल पड़ोसी हैं, हम सब सद्भाव से रहते हैं. मैं त्रिपुरा की जनता से विद्रोह करने का आग्रह करूंगी. मुझे पता है कि त्रिपुरा में जनता सरकार के खिलाफ नहीं बोल सकती, पत्रकार नहीं बोल सकते, डॉक्टर नहीं बोल सकते, सरकारी अधिकारी नहीं बोल सकते. भाजपा के पास अपने राज्यों की सेवा करने की शक्ति नहीं है और वह दूसरे राज्यों पर टिप्पणी करने के लिए आती है. चोर की मां जोर से चिल्लाती है. आने वाले दिनों में हम त्रिपुरा जीतेंगे, यह हमारा विश्वास है. इस प्रताड़ना का लोग कड़ा जवाब देंगे.

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