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जंतर-मंतर पर भड़काऊ भाषण के मामले में ऐसे हुई बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 की गिरफ्तारी

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Provocative Slogans: जंतर मंतर पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण के मामले में दिल्ली पुलिस ने बीजेपी नेता व वकील अश्वनी उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने उपाध्याय के साथ-साथ पांच अन्य लोगों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि सभी 6 आरोपी इस पूरे मामले में शामिल है और कहीं ना कहीं भड़काऊ भाषण को लेकर जिम्मेदार भी है. पुलिस का यह भी कहना है कि 8 अगस्त यानी रविवार को जो कार्यक्रम आयोजित किया गया था उसके लिए दिल्ली पुलिस से कोई भी इजाजत नहीं ली गई थी.

ये हैं गिरफ्तार आरोपियों के नाम

अश्विनी उपाध्याय, दीपक सिंह हिन्दू, दीपक कुमार, प्रीत सिंह, विनोद शर्मा व विनीत बाजपाई उर्फ विनीत क्रांति. दीपक हिन्दू को हिरासत में लेने के बाद चाणक्यपुरी स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर में लाया गया और रात भर वहीं रखा गया. इसके बाद मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे दीपक हिन्दू को भी सीपी थाने लाया गया. दीपक सिंह हिंदू  अध्यक्ष हिन्दू फ़ोर्स का अध्यक्ष है और आज़ाद विनोद शर्मा सुदर्शन वाहिनी का अध्यक्ष है.

सोमवार आधी रात के बाद से लेकर मंगलवार दोपहर तक चली पूछताछ, फिर गिरफ्तारी

रविवार शाम को जब जंतर मंतर पर भड़काऊ भाषण से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ शुरू हुए तो इस बात की जानकारी लोगों को हुई की नई दिल्ली के इलाके में इस तरह की घटना हुई है जिसमें भीड़ में शामिल लोगों ने सरेआम एक धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी व भड़काऊ भाषण दिए हैं. दिल्ली पुलिस के पास विभिन्न लोगों व संगठनों की तरफ से भी इसके खिलाफ शिकायत दी गई जिसके बाद कनॉट प्लेस थाने में आईपीसी की धारा 153 ए, 188 और डीडीएमए एक्ट की धारा 51 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी क्योंकि मामला काफी ज्यादा तूल पकड़ चुका था, इसलिए नई दिल्ली जिले के साथ साथ क्राइम ब्रांच को भी जांच में लगा दिया गया.

दिल्ली पुलिस ने वायरल वीडियो खंगालने शुरू किए. साथ ही साथ कई सोशल मीडिया अकाउंट्स भी सर्च किए गए. जिसके बाद पुलिस ने कुछ लोगों को चिन्हित किया. इसके अलावा अश्वनी उपाध्याय का नाम पहले ही सामने आ चुका था, क्योंकि जंतर मंतर रोड पर बैंक ऑफ बड़ोदा के नज़दीक जिस जगह धरना प्रदर्शन किया गया था, वहां पर अश्वनी उपाध्याय के पोस्टर भी लगे हुए थे.

अश्विनी उपाध्याय को पुलिस ने सोमवार देर रात को पुलिस की जांच में शामिल होने के लिए कहा और तुरंत ही इन्वेस्टिगेशन जॉइन करने के लिए कहा. पुलिस सूत्रों के अनुसार अश्विनी उपाध्याय ने रात में आने से आनाकानी की. लेकिन फिर सोमवार/मंगलवार की दरमियानी रात लगभग ढाई से 3 बजे वह खुद थाने आये. इसके बाद उनसे पूछताछ शुरू हुई. वहीं अन्य लोगों को तलाशने में जुटी पुलिस की अलग अलग टीमों ने देर रात को छापेमारी शुरू की. इसके बाद 5 अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई. सभी को एक साथ बैठा कर भी पूछताछ की गई.

दोपहर लगभग 1 बजे दिल्ली पुलिस ने औपचारिक गिरफ्तारी की जानकारी दी

सुबह से ही अश्विनी उपाध्याय व अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की अटकलें लगती रहीं लेकिन पुलिस के आला-अधिकारियों ने बार बार यही कहा कि अभी हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है, गिरफ्तारी कभी भी की जा सकती है. जिसके बाद लगभग 1 बजे दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोपियों की औपचारिक गिरफ्तारी की जाने की बात कही. पुलिस अधिकारियों का कहना था कि औपचारिक गिरफ्तारी से पहले सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पूछताछ की गई. ये लोग आपस मे कैसे संपर्क में आये थे, पहले से कौन किसको जानता था? सभी फैक्ट्स को चेक किया गया. मोबाइल फ़ोन की सीडीआर आदि भी चेक की गईं इसलिये गिरफ्तारी डालने में इतना समय लगा.

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को दिल्ली पुलिस ने दी जानकारी

नई दिल्ली जिला के डीसीपी दीपक यादव को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से भी तलब किया गया था. जिसके बाद मंगलवार को वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के दफ्तर पहुंचे हैं. अल्पसंख्यक आयोग ने नोटिस में दिल्ली पुलिस से इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी कि आखिर किन परिस्थितियों में ये कार्यक्रम आयोजित हुआ और वहां पर एक धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी कैसे और क्यों हुई? उस पर पुलिस ने क्या कार्रवाई की है. दिल्ली पुलिस की तरफ से आरोपियों की गिरफ्तारी जानकारी भी दी गयी.

सोमवार को अश्विनी उपाध्याय ने क्या कहा था

15 अगस्त की तरह 8 अगस्त भी एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था. इस ऐतिहासिक दिवस की वर्षगांठ मनाने के लिए ही 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर एक बहुत ही छोटा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. यह कोई राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि 15 अगस्त की तरह ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन को याद करने के लिए आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में सरकार से मांग की गई कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ (15 अगस्त 2022) से पहले सभी अंग्रेजी कानून खत्म कर नया कानून बनाया जाए. मैं सुबह 11 बजे मंच पर पहुंचा था और भीड़ बढ़ने के कारण 12 बजे कार्यक्रम समाप्त हो गया और मैं तुरंत वहाँ से चला गया. मैंने 1860 में बने इंडियन पीनल कोड, 1861 में बने पुलिस ऐक्ट, 1863 में बने रिलिजियस एंडोमेंट ऐक्ट और 1872 में बने एविडेंस एक्ट सहित सभी 222 अंग्रेजी कानूनों को खत्म करने तथा भारत में समान शिक्षा, समान चिकित्सा, समान कर संहिता, समान दंड संहिता, समान श्रम संहिता, समान पुलिस संहिता, समान न्यायिक संहिता, समान नागरिक संहिता, समान धर्मस्थल  संहिता और समान जनसंख्या संहिता लागू करने की मांग किया था. मैंने अपने भाषण में भी कहा था कि जब तक घटिया और बेकार अंग्रेजी कानून खत्म नहीं होंगे तब तक जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद अलगाववाद, कट्टरवाद, मजहबी उन्माद, माओवाद, नक्सलवाद, तुष्टीकरण और राजनीति का अपराधीकरण कम नहीं होगा. कार्यक्रम में कुल 50 लोगों को आमंत्रित किया गया था, जैसे महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान मंच पर उपस्थित थे.

अश्विनी ने भी की थी पुलिस से शिकायत

अश्विनी उपाध्याय ने सोमवार को कहा था कि मैं खुद दिल्ली पुलिस से माँग करता हूँ कि इस वायरल वीडियो की जांच करें. उसकी सत्यता और प्रमाणिकता को जानें. मेरे सामने ऐसा कोई भाषण नहीं हुआ न नारेबाजी हुई. मेरे जाने के बाद कुछ हुआ हो तो मैं नहीं जानता.

सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति उन्मादी भाषण दे रहा है. कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर फेसबुक और वाट्सएप्प पर शेयर कर रहे हैं जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूँ, न तो इनमें से किसी से मिला हूँ और न तो इन्हें बुलाया गया था. कानून बहुत ही घटिया और कमजोर है इसीलिए प्रसिद्धि पाने के लिए भी कई बार लोग उन्मादी वीडियो जारी करते हैं. कानून बहुत कमजोर है, इसीलिए 15 मिनट में हिंदुस्तान से हिंदुओं को खत्म करने की बात करने वाला व्यक्ति जेल में नहीं बल्कि विधान सभा में बैठा है. हालांकि सोमवार रात को अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि वह कार्यक्रम के आयोजनकर्ता नहीं बल्कि मेहमान थे.

 

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