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राज्यसभा में भारी हंगामा, बदसलूकी का आरोप, कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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Monsoon Session Of Parliament: राज्यसभा में आज पेगासस जासूसी मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई और अंत में कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. हालांकि इससे ठीक पहले राज्यसभा में राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची बनाने का अधिकार देने संबंधी एक महत्वपूर्ण विधेयक को लगातार करीब छह घंटे चर्चा करके पारित किया गया.

सदन में जब ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को पारित किया गया तब उसके बाद आसन की अनुमति से साधारण बीमा कारोबार राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू हुई. इसी के बाद भारी हंगामा हुआ. 

साधारण बीमा कारोबार राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग पर जबरदस्त हंगामा किया. लेकिन सरकार ने हंगामे के बीच इस बिल को भी पास करवा दिया. 

सरकार की तरफ से दावा किया गया कि विपक्षी सांसदों ने सदन में मौजूद मार्शलों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की. वहीं विपक्षी सांसदों ने सरकार पर विपक्षी सांसदों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया.

हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए स्थगित की गयी. बाद में बीमा संबंधी विधेयक के पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए शाम सात बजकर चार मिनट तक स्थगित कर दिया गया. हंगामा कर रहे सदस्य सभापति के आसन के बेहद नजदीक आ आए और उन्होंने कागजों के टुकड़े करके हवा में आसन की ओर उछाल दिए.

खड़गे का आरोप

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया. खड़गे ने कहा कि विपक्ष के सदस्य जब विरोध प्रदर्शन के लिए आसन के निकट जाते हैं तो पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी का एक घेरा बना दिया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी महिला सदस्य आ रही हैं… घेरा बना लिया जा रहा है… धक्कामुक्की की जा रही है…महिला सदस्यों का अपमान हो रहा है… महिला सांसद सुरक्षित नहीं हैं… यह संसद और लोकतंत्र का अपमान है.’’

शरद पवार का दावा
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि आज (राज्यसभा में) महिला सांसदों पर जिस तरह से हमले हुए हैं, ऐसा अपने 55 साल के संसदीय करियर में कभी नहीं देखा.  40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया. यह दर्दनाक है. यह लोकतंत्र पर हमला है.

वहीं संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने खड़गे के आरोपों पर कहा कि यह ‘‘सत्य से परे’’ हैं. उन्होंने पलटकर आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों ने महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्कामुक्की की है.

पीयूष गोयल का निशाना
कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले सदन के नेता पीयूष गोयल ने हंगामा करने वाले सांसदों पर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि सदन में महिला स्टाफ का गला घोंटने की कोशिश की गई. स्पेशल कमेटी गठित कर मामले की जांच की जानी चाहिए.

गोयल ने कहा, ”विपक्षी सदस्यों ने मुझे और संसदीय कार्य मंत्री को चेंबर से बाहर आने से रोकने की भी कोशिश की. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सदन और देश को इस तरह का व्यवहार कभी बर्दाश्त नहीं करना चाहिए.”

उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों की मंशा आज पूरी तरह से दिख गई. जिस तरह से पैनल चेयरमैन, टेबल स्टाफ और महासचिव पर हमला करने की कोशिश की गई. 

राज्यसभा में कामकाज
राज्यसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार वर्तमान सत्र में मात्र 28 प्रतिशत कामकाज हुआ. इस दौरान सदन में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ और हंगामे के कारण 76 घंटे 26 मिनट का कामकाज बाधित हुआ. 

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